मुझे आप जानते ही है Mujhe Aap jante Hi Hai mai Aryan Hu
मुझे आप जानते ही है Mujhe Aap jante Hi Hai mai Aryan Hu
Desi Story |
नमस्ते दोस्तो, मैं आर्यन
मुझे आप जानते ही है
शुरू से ही इसे मेरी वासना कहें या इच्छा कि मुझे स्टूडेंट लाइफ से ही बड़ी उम्र की औरतें काफी आकर्षक लगती रही हैं. और अब भी 50 से 60 साल तक की औरतों की तरफ मैं तुरंत ही आकर्षित हो जाता हूँ. आकर्षित क्या, ये कह सकते हैं कि उनको देखकर ही मेरी पैंट में हलचल हो जाती है और अक्सर अपने लंड को उनकी चूत में घुसा हुआ महसूस करने लगता हूँ.
मैं हर पल यही सोचता हूँ कि कब मुझे ऐसी औरत को चोदने का मौका मिलेगा. मैंने बरसों तक ऐसे पल की प्रतीक्षा की थी.
पिछले साल की बात है. अनीता जी, जो कि मेरी ही कॉलोनी में रहती हैं मेरी ही कॉलोनी में रहती हैं. उनकी उम्र यही कोई 50 साल के आसपास रही होगी. अनीता जी मेरी बहुत बड़ी कमजोरी बन गई थीं.
एक तो भरा बदन और ऊपर से उनका गोरा रंग. अनीता जी के बोबे भी पूरे 36 साइज के थे. उनके नाम से मैंने अनगिनत बार मुठ मारी है.
एक दिन मैं अपनी एक फ्रेंड से फोन पर बात कर रहा था. उस समय वो अपने पीहर गयी हुई थी.
मैं बाहर गेट पर ही फोन से बात कर रहा था और बोल रहा था- जल्दी आ जा यार, अब तो जम कर तेरी चूत चूसने का मन है. तेरी गांड में लौड़ा घुसाना है.
पता नहीं कब अनीता जी वहां आ गईं और उन्होंने मेरी सारी बातें सुन लीं. मुझे जब होश आया, तो वो मेरे सामने खड़ी थीं.
अनीता- आनंद जी क्या बात है, आज तो कुछ ज्यादा ही रोमांटिक हो रहे हो!
मुझे उनसे ऐसे सवाल की उम्मीद नहीं थी कि वो ऐसा बोलेंगी.
मैं पहले तो सकपका गया,
फिर मैंने उनकी मस्त चूचियां देखते हुए कहा- भाभीजी, अपना तो यही एक काम ऐसा है, जिसे मैं डूब कर करता हूँ. मुझे इसके बिना नींद ही नहीं आती.
अनीता- किस्मत वाली है आपकी दोस्त, जो उसे ऐसा दोस्त मिला.
मैं- क्यों, भाईसाहब आपको खुश नहीं करते क्या?
अनीता- नाम ही मत लो उनका तो, दिन में काम और रात को खाना खाते ही आरामदिन में काम और रात को खाना खाते ही आराम. बस उनका तो यही काम है.
मेरे मुँह से अचानक निकल गया कि हमें सेवा का मौका दे दो भाभी जी.
अनीता जी ने मेरी बात सुनी और बिना कोई भाव लाए हुए बोलीं- चलिए देखते हैं.
ये कह कर अनीता जी ने तो मानो मेरे तन बदन में आग लगा दी थी. जो सपना मैं बरसों से देख रहा था, शायद अब वो मुझे पूरा होता दिख रहा था.
उस रात को तो मैंने किसी तरह से अनीता भाभी के नाम की मुठ मारकर लंड को शांत कर लिया. मगर सारी रात उनकी बात जेहन में गूँजती रही.
दूसरे दिन शाम को देखा कि अनीता भाभी के हस्बैंड बैग लेकर कहीं जा रहे थे.
उनके जाने के तुरंत बाद मैं अनीता भाभी के घर पहुंच गया.
बातों बातों में पता चला कि उनके हस्बैंड 2 दिन के लिये काम के सिलसिले में बाहर गए हुए थे.
मैंने सीधे ही अनीता जी को खुले शब्दों में बोल दिया कि आज रात को सेवा करने आ जाऊं क्या?
अनीता जी मुझे देख कर मुस्कुराने लगीं.
ये देखते ही उसी टाइम मैंने उनको अपनी बांहों में खींच लिया और जोर से अपने सीने से चिपका लिया.
हाय … क्या मीठा एहसास था दोस्तो … कुछ पूछो ही मत. जिसके नाम की इतनी मुठ मारी थी, आज वो मेरी बांहों में थी. उनके मोटे मोटे बोबे मेरे सीने से दब रहे थे.
तभी उन्होंने मुझे धक्का दिया और मुझे बाहर जाने के लिए बोलते हुए कहा- रात को मैं कॉल कर दूंगी, तब आ जाना.
दोस्तो, रात कैसे हुई या तो मैं जानता हूँ या मेरा लंड.
घर आकर मैंने लंड के बाल काटे औऱ उसे चिकना कर लिया.
कोई 9 बजे अनीता भाभी की कॉल आयी और मैं अपनी मंजिल की तरफ चल दिया. भाभी के घर का दरवाजा खुला था. दबे पांव अन्दर जाकर मैंने कुंडी लगा दी.
और जैसे ही घूमाऔर जैसे ही घूमा, मेरे सामने मेरे सपनों की रानी लाल कलर का ब्लाउज और स्काई कलर की साड़ी में अपने होंठों पर लिपस्टिक लगाए खड़ी थी. साड़ी के बगल से भाभी का गोरा पेट दिख रहा था.
अनीता भाभी के पास आकर मैंने उनको एक बार फिर से अपनी बांहों में भर लिया. वो भी मेरी बांहों में सिमटी जा रही थीं. अपनी आंखें बंद करके मैं 5 मिनट तक भाभी को अपनी बांहों में लिए खड़ा रहा. मैं उनके मखमली और गोरे बदन को अपने हाथ से सहलाने लगा.
अनीता भाभी की सांसें धीरे धीरे तेज हो रही थीं. मैंने उसके चेहरे को ऊपर किया और अपने प्यासे होंठों को उनके लाल सुर्ख होंठों पर रख दिया और चूसने लगा.
दोस्तो, आग दोनों तरफ ही बराबर लगी हुई थी. मेरा तो बरसों पुराना सपना पूरा हो रहा था कि मैं किसी बड़ी उम्र की औरत की चुदाई करूं. दूसरी तरफ भाभी बरसों से सूखी पड़ी अपनी चूत को हरा करने वाली थीं.
थोड़ी देर में ही हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसने की जगह खाने लगे. भाभी के होंठों की लिपस्टिक को मैं पूरी तरह से खा गया.
करीब 10 मिनट तक मैं उनके होंठों को ही खाता रहा और वो मेरे होंठों को. उसके बाद बांहों में बांहें डाले हम दोनों बेडरूम में आ गए.
मैंने अनीता भाभी की साड़ी उनके गोरे बदन से अलग कर दी. अब वो सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में मेरे सामने थीं. उन्हें इस तरह से देखकर मेरा लंड पेंट में झटके खा रहा था.
मैंने अनीता भाभी को बेड पर लिटा दिया और खुद उनके ऊपर चढ़ गया. एक बार फिर से अपने होंठों को अनीता भाभी के सेक्सी होंठों पर रखकर चूसने और खाने लगा.
फिर मैं अपने हाथों से भाभी के ब्लाउज के ऊपर से उनके मोटे मोटे बोबे दबाने लगाऊपर से उनके मोटे मोटे बोबे दबाने लगा. अनीता भाभी के मुँह से कामुक सिसकारियां निकल रही थीं.
भाभी बोबे दबाते हुए ही मैंने उनके ब्लाउज के हुक खोल दिए और ब्रा के ऊपर से उनके दूध से सफेद मम्मों को दबाए जा रहा था.
अनीता भाभी- जान, पहले एक बार चूत को चोद दो न!
मैं- जान, एक बार नहीं … बल्कि रात भर आज आपकी चूत और गांड को अपने लंड का पानी पिलाऊंगा.
अनीता- देर मत करो जान …
मैं बहुत प्यासी हूँ … पहले एक बार मेरी प्यास बुझा दो.
मैंने तुरंत ही अपने सारे कपड़े खोल दिए और अनीता भाभी को भी पूरी नंगी कर दिया. इस उम्र में भी उनका बदन बढ़िया था. मोटे मोटे बोबे, पेट भी सही था और चूत को भी उन्होंने चिकना कर रखा था.
भाभी की चूत पर हाथ लगाया, तो पता चला कि चुत बहुत गीली हो रही थी.
चूंकि चूत चूसने का मुझे बड़ा शौक है ही … सो बस ये समझ लो कि चूत को चूसने में ही मैं आधा घंटा लगा देता हूँ. मेरी तो ऐसी इच्छा होती है कि बस सारी रात चूत को ही चूसता रहूँ.
मैंने अनीता भाभी को 69 की पोजीशन में आने के लिए कहा और उनकी चूत को अपने होंठों से लगा कर चूसने लगा.
जैसे ही अपने होंठ मैंने भाभी की चूत पर लगाए, उन्होंने जोर की सिसकारी भरी.
थोड़ी देर तक तो वो मेरे लंड को अपने हाथों से सहलाती रहीं, बाद में उन्होंने भी मेरे लंड को मुँह में ले लिया और चूसने लगीं.
हम दोनों ही जोर जोर से लंड चुत चूस रहे थे. कोई 20 मिनट की चूत चुसायी में भाभी दो बार मुझे अपनी चूत का पानी पिला चुकी थीं. मेरा लंड भी अब पानी निकालने के लिये तैयार था. जब मैंने उन्हें बताया, तो भाभी ने मुँह से लौड़ा बाहर निकाल दिया.
अब मैंने पोजीशन ली और उनकी मोटी मोटी जांघों को चौड़ा करके अपना लंड भाभी की चूत पर टिका दिया.
मैं- अनीता, मेरी जान अब मैं लंड घुसा रहा हूं चूत में!
अनीता भाभी- हां आह घुसा दो न जल्दी से … मेरा भोसड़ा लंड लेने के लिए तैयार है.मेरा भोसड़ा लंड लेने के लिए तैयार है.
मैं- ले मेरी जान अपने यार का लौड़ा!
और भाभी की पानी से भीगी चूत में मैंने एक ही धक्के में आधा लंड घुसा दिया.
अनीता भाभी की एक हल्की सी चीख निकली और इससे पहले कि वो सम्भलें, मैंने लौड़ा बाहर निकाला और पूरा दम लगा कर इस बार पूरा का पूरा लौड़ा ही उनके चिकने भोसड़े में घुसा दिया.
भाभी की चूत ने भी पूरा लंड निगल लिया और अब तो अनीता भाभी ने अपनी दोनों जांघें और ज्यादा फैला दीं. मैं तेजी के साथ उनके चिकने भोसड़े को लंड से धकाधक चोदने लगा.
अनीता भाभी भी खूब सिसकारी ले लेकर चुदवा रही थीं. उनके गोरे ओर मोटे बोबे भी धक्कों के साथ जोर जोर से हिल रहे थे. पूरे कमरे में बेड की चर्र चर्र और लंड चुत की फच्छ फच्छ की आवाजें आ रही थीं.
मेरा लंड भी आज 50 साल की चूत को चोदने में खूब खुश हो रहा था.
अनीता भाभी ने खुद को ऐंठाते हुए कहा कि आह और जोर जोर से चोद दे भोसड़ी के … मजा आ रहा है … आह हरामी चोद मादरचोद.
मैंने भी भाभी को गाली देते हुए कहा- हां ले न भैन की लौड़ी … ले चुद मादरचोदी … भोसड़ी की … आह खा मेरा लंड.
भाभी- हां पेल न कमीने … साले बड़ा अन्दर तक पेल रहा है … आह मजा आ गया.
मैं- भाभी, आज कितने दिन बाद चुद रही हो!
भाभी- आह अभी तो तू मेरी चुत चोद भोसड़ी के … इतिहास न पूछ. इतिहास न पूछ.
मैं- हां मेरी जान आज तो तेरा भूगोल बिगाड़ कर ही इतिहास बदल दूंगा … साली रांड ले मां की लौड़ी लंड खा!
भाभी- आह मस्त चोदता है … और जोर से पेल … आह कितना मजा दे रहा है!
और इसी तरह खूब एक दूसरे को गाली देते हुए हम दोनों चुदाई का मजा ले रहे थे.
कुछ देर बाद मेरे लंड ने पानी छोड़ने का इशारा किया, तो मैंने अनीता भाभी से बोला कि भाभी रस कहां निकालूं?
भाभी ने कहा कि मेरे भोसड़े में ही छोड़ दो.
और मैंने लंड से ताबड़तोड़ धक्के मारते हुए भाभी के भोसड़े को लंड के पानी से भर दिया.
आधे घंटे तक हम दोनों एक दूसरे की बांहों में यूं ही पड़े रहे.
उस रात मैंने अनीता भाभी को दो बार और चोदा. माना कि अनीता भाभी की चूत खूब खुली हुई थी, लेकिन जो मेरी इच्छा थी बड़ी उम्र की औरत को चोदने की, वो भाभी की चुदाई से पूरी हो गयी.
उस दिन के बाद अगली रात को भी हमारा रात भर चुदाई का खेल चला.
उसके बाद से ये बेचारा लंड फिर अबकी बार 40 के पार के इंतजार में बैठा था कि.
फिर एक दिन उनका फोन आया कि मुझसे बाहर कॉफी शॉप पर मिलना.
जब उन्होंने मुझे मिलने के लिये कहा, तो मेरा लौड़ा तो तुरंत खड़ा हो गया थातो मेरा लौड़ा तो तुरंत खड़ा हो गया था. मैंने सोचा था कि एक बार और मुझे अनीता की मोटी चूत को चोदने का मौका मिलने वाला है. लेकिन इस बार मेरी कल्पना दूसरे रूप में पूरी हुई.
उनके बताए टाइम पर मैं कॉफी शॉप पर पहुंच गया. मैंने देखा कि उनके साथ करीब 55 साल की एक औरत और थी.
वो दिखने में सांवली थी लेकिन उनकी सबसे बड़ी बात ये थी कि उनके बोबे ब्लाउज फाड़ कर बाहर आने को बेताब लग रहे थे.
खैर.. मैं उन दोनों के साथ बैठा और बातों ही बातों में अनीता जी ने मुझे इशारा कर दिया कि आपके लिए ही सीमा जी को साथ लायी हूँ.
मैंने उनको एक नजर भरके देखा, उनको देखा क्या, बस ये समझ लो कि ब्लाउज के ऊपर से उनके बोबे खा जाने वाली नजरों से देखा.
कॉफी पीने के बाद हम अपने अपने रास्तों पर चल दिए.
शाम को अनीता जी ने सीमा जी का नंबर दिया और बोला कि मैं उनसे बात कर लूं.
मैंने तुरंत उनको फोन लगाया और अपने बारे में बता दिया. उन्होंने मुझे अपना पता दिया और बोल दिया कि रात को 10 बजे आ जाना.
मैं 10 बजे आंट के घर पहुंच गया. उनके घर का दरवाजा खुला था. मैं अन्दर आ गया. उन्होंने मुझे बैठाया और पानी लेने अन्दर चली गईं.
अब मैं आगे बढ़ने से पहले आपको उनके बारे में बता देता हूँ.
सीमा जी करीब 55-56 साल की सांवली रंग वाली औरत थीं. उनके बोबे करीब 40 इंच के थे उनके बोबे करीब 40 इंच के थे और गांड बहुत ही मस्त थी. जब वो पानी लेने गयी थीं तो मैंने देखा था कि उनका पिछवाड़ा बहुत ही मादक लग रहा था. दोनों कूल्हों के बीच उनकी साड़ी फंसी हुई थी. उनके होंठ बहुत मस्त थे. काफी मोटे होंठ थे उनके. जिन पर लाल रंग की लिपस्टिक लगी हुई थी.
वो पानी लेकर आईं और मेरी ही बगल में बैठ गईं. मेरे हंसमुख स्वभाव के कारण जल्दी ही वे मुझसे खुल गयी थीं.
उनसे बातचीत में पता चला कि वो घर पर अपनी बहु और बेटे के साथ रहती हैं. लेकिन बहु के पीहर में प्रोग्राम होने के कारण दोनों ही बहु और बेटे उधर गए हुए थे.
बातों-बातों में मैंने देखा कि उनकी आंखों में एक मादक और उत्तेजक निमंत्रण दिख रहा था. मैंने उनके हाथों को अपने हाथों में ले लिया और सहलाने लगा. इतने में ही उनके मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं.
उनकी कामुक सीत्कार से मुझे पता चल गया कि यह औरत बहुत ही कामुक होगी.
उन्होंने आंखें बंद कर ली थीं और मैं धीरे धीरे उनके सांवले हाथों को सहला रहा था. उनके स्पर्श से मेरा 8 इंच लंबा और सवा दो इंच मोटा लौड़ा मेरी जींस में खड़ा होता जा रहा था. मेरा एक हाथ धीरे धीरे उनके कंधे पर आ गया था. मैं एक हाथ से उनकी मोटी कलाई को और दूसरे हाथ से उनके कंधे और गले को सहला रहा था.
कोई 5 मिनट के इस खेल में उनकी साड़ी का पल्लू कंधे से खिसक कर नीचे आ गया था. अब उनका ब्लाउज ही उनकी पहाड़ियों के ऊपर रह गया था.
मुझे उनके ब्लाउज से ही उनके मोटे मोटे बोबे नजर आ रहे थे, जो उनकी सांसों के साथ ऊपर नीचे हो रहे थे.
जब उनके बस की बात नहीं रही, तो उन्होंने एकदम से मुझे गले लगा लिया और अपने लाल रंग के होंठों को मेरे होंठों से चिपका दिए. हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसने में लग गए. दोनों ही रगड़ रगड़ कर एक दूसरे के होंठों का रस पी रहे थे. एक दूसरे की लार हमारे मुँह में आ रही थी. दोनों के ही बदन गर्म हो रहे थे.
तभी होंठों को चूसते हुए मैंने अपना एक हाथ उनके ब्लाउज के ऊपर से ही उनके बोबों पर रख दिया. मैं ब्लाउज के ऊपर से ही उनके मोटे मोटे बोबे दबाने लगा.
सीमा जी ने अन्दर रूम में चलने का इशारा किया और हम दोनों एक दूसरे की बांहों में बांहें डाले अन्दर रूम में आकर बेड पर बैठ गए.
मैंने फिर से उनको अपनी बांहों में लिया और होंठों को चूसते हुए उनके मस्त बोबे दबाने लगा. सीमा जी की बेचैनी बढ़ती जा रही थी और मेरा लंड अकड़ता जा रहा था. मेरा लंड सोच रहा था कि आज फिर एक पुरानी उम्र की बड़ी औरत को चोदने का मौका हाथ आ रहा है.
सीमा जी अब बेदर्दी के साथ मेरे होंठों को चूसने की जगह खाने लगी थीं और मैं भी उनके मोटे होंठों को जोर से चबा रहा था. होंठों की सारी लिपस्टिक मैं चाट चुका था.
गीले होंठों को चूसते हुए मैंने अचानक से उनके मादक बोबे जोर से दबा दिए, जिससे उनकी चीख निकल गयी. लेकिन उनकी ये चीख मेरे होंठों में ही दब कर रह गयी.
उन्होंने अपने होंठ जबरदस्ती मेरे होंठों से छुड़ाए और मुझसे कहा- मुझे वाइल्ड सेक्स में बड़ा मजा आता है.मुझसे कहा- मुझे वाइल्ड सेक्स में बड़ा मजा आता है.
मैं- मेरी जान चिंता मत करो. आज तुझे मैं बहुत बुरी और बेदर्द तरीके से चोद चोद कर तेरा भोसड़ा और गांड दोनों को अपने लौड़े के पानी से भर दूंगा.
मैंने उनके लिए गाली वाली भाषा का उपयोग किया, तो वो भी खुल गईं.
सीमा- भोसड़ी के … मुझे ऐसी ही चुदाई चाहिए.
आंटी के मुँह से गाली सुनकर तो मुझे ओर जोश आ गया. क्योंकि मुझे भी वाइल्ड सेक्स और चुदाई के दौरान गालियां देना और सुनना बहुत पसंद हैं.
मैंने वापस सीमा जी के होंठों को चूसना शुरू कर दिया और एक हाथ से उनके ब्लाउज के हुक खोलने लगा. जैसे ही उनका ब्लाउज खुला, उनके मस्त मादक और मोटे बोबे ब्रा में कैद मेरी आंखों के सामने आ गए. सच में बहन की लौड़ी के बहुत ही मस्त बोबे थे.
मैं जोर जोर से उनके बोबों को ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा.
अब सीमा जी की मादक सिसकारियां निकलना शुरू हो गयी थीं. मैंने उनको अपने होंठों से अलग किया और उनकी सांवली बांहों से लटका हुआ ब्लाउज निकाल कर अलग कर दिया.
हाईई.. क्या मस्त नज़ारा था. उनके मोटे बोबे ब्रा में भी नहीं समा रहे थे. मैंने अपने हाथों से दोनों बोबों को जोर से दबाना शुरू कर दिया. कभी मैं उनके थोड़े से उभरे हुए पेट पर हाथ फिराता, तो कभी बोबों को मसल देता.
फिर एक हाथ से मैंने उनकी साड़ी भी निकाल दी और साथ ही साथ उनके पेटीकोटसाथ ही साथ उनके पेटीकोट के नाड़े को भी खोल दिया. उन्होंने अपनी मोटी गांड को उठा करके अपने पैरों से पेटीकोट निकाल दिया. अब मेरी जान ब्रा ओर पेंटी में थी.
आंटी सांवली थीं लेकिन मस्त जानेमन थीं. मैंने भी खड़े होकर अपने सारे कपड़े एक बार में ही उतार दिए.
जैसे ही उन्होंने मेरे खड़े लौड़े को देखा, तुरंत ही लंड को अपने हाथों में ले लिया और सहलाने लगीं. उनके हाथों में आकर लौड़ा भी ठुमकने लगा. लंड के शिखर पर प्री-कम की बूंदें उभरने लगी थीं.
वो अपने हाथ से लौड़े की टोपी को सहलाने लगीं और बूंदों को अपनी उंगली से लेकर बहुत ही उत्तेजक तरीके से मुँह में लेकर चाटने लगीं.
सीमा जी मेरे लौड़े को सहलाती रहीं और इसी बीच मैंने भी उनकी चड्डी में हाथ डाल दिया. हाथ डाला तो पता चला कि कुतिया की पूरी ही चड्डी चूत के पानी से गीली हो चुकी थी.
मैंने सीमा जी की रस से भीगी चूत को सहलाया ही था कि उन्होंने अपने मुँह से जोर से ‘सीईईए…’ की आवाज निकाली. उन्होंने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और मैं उनके मस्त और कामुक बदन पर छा गया.
मैं अपने होंठों को खोलकर अपने मुँह से उनके मुँह में अपना थूक गिराने लगा, जिसे वो बहुत ही मजे से पीती रहीं. बाद मैं उन्होंने भी अपने मुँह का थूक मुझे पिलाया. हम दोनों ही एक दूसरे का थूक और लार पीते रहे.
इसी बीच मैं अपने हाथों से उनके मांसल बोबे भी दबा रहा था. फिर मैंने एक हाथ पीछे ले जाकर उनकी ब्रा का हुक खोल कर उनके मांसल बोबों को आजाद कर दिया. अब मैं उनके नंगे बोबों को जोर जोर से दबा रहा था. वो सिसकी पर सिसकी भर रही थीं.
मैं- बहन की लौड़ी, मजा आ रहा है न!मैं- बहन की लौड़ी, मजा आ रहा है न!
सीमा- बहुत मस्त मजा आ रहा है भोसड़ी के.
अब तक हम दोनों के होंठ ओर मुँह पूरा गीला हो चुका था.
मैंने एक हाथ नीचे ले जाकर उनकी चड्डी को भी उनकी गांड से अलग कर दिया. अब हम दोनों एक दूसरे की बांहों में बिल्कुल नंगे थे. दोनों ही जोर जोर से होंठों को चूस रहे थे. कभी मैं उनके बोबों को मसलता, तो कभी उनकी गीली चूत को अपनी मुट्ठी में भर कर दबा देता.
वो भी मेरे कूल्हों को अपने दोनों हाथों से दबा दबा कर मजा ले रही थीं, तो कभी हाथ नीचे करके लौड़े को मसल देती थीं.
हम दोनों के ही शरीर जबरदस्त तरीके से रगड़ खा रहे थे. उनकी ऐसी कामेच्छा देख कर लग ही नहीं रहा था कि इनकी उम्र 56 साल की होगी. वो एक भूखी शेरनी की तरह मेरे लौड़े को मसल रही थीं. लौड़ा खाने के लिये बेचैन हो रही थीं.
फिर 20 मिनट बाद हम अलग हुए और तुरंत ही 69 की पोजीशन में आ गए. वो मेरे ऊपर आकर मेरे लौड़े को मुँह में भर कर चूसने लगीं. मैं भी जोर जोर से उस 56 साल की मस्त चूत को चूसने लगा.
सीमा जी की चूत के पानी से मेरा पूरा मुँह भर गया था. जिसे मैं पी गया. वो भी लौड़े को खूब थूक लगा लगा कर चूस रही थीं. वासना में डूब कर उन्होंने पूरा का पूरा लौड़ा मुँह में भर लिया था.
मुझे ऐसे लगने लगा कि अब तो लौड़ा भी पानी छोड़ देगा. मैंने उन्हें इशारे से बताया, तो उन्होंने औऱ जोर जोर से लौड़ा चूसना शुरू कर दिया. मैंने भी जोर जोर से उनके काले भोसड़े को चूसना शुरू कर दिया. उनके लंड चूसने के इतने शानदार तरीके से मेरा लौड़ा लोहे का डंडा बन चुका था.
फिर उन्होंने मुँह से लौड़ा निकाला और उसपर बहुत सारा थूकउसपर बहुत सारा थूक लगाकर फिर से अपने मुँह में उतार लिया और मसल मसल कर चूसने लगीं.
उनकी थिरकन भी बता रही थी कि उनकी चूत से भी पानी निकलने वाला है. एक मिनट बाद ही मेरे लौड़े ने पानी से उनका मुँह भर दिया और मेरे मुँह में उनकी चूत का पानी भर गया.
उसके बाद हम दोनों ही नंगे रहकर थोड़ी देर के लिए सुस्ताने लगे.
सीमा जी ने मेरी ओर करवट लेते हुए कहा- आज बरसों बाद मैंने रति सुख का मजा लिया है. मेरे हसबैंड के जाने के बाद आज बहुत साल बाद मेरी चूत गीली हुई है. आज तेरे साथ बहुत मजा आया आर्यन …
मेरी चूत को बहुत ठंडक मिल गयी.
मैं- मादरचोद … चूत को अभी और मजा आएगा, जब मैं तुम्हें सारी रात चोद चोद कर तेरे भोसड़े को पानी पिलाऊंगा.
सीमा जी- खूब चोद मेरे कमीने आशिक. आज मेरे भोसड़े की सारी गर्मी निकाल दे मां के लौड़े.
ऐसी ही बातें करते करते हम दोनों वापस गर्म होने लगे थे. मैंने अपने हाथों से उनके मोटे और मांसल बोबे सहलाने शुरू कर दिए थे, जिससे सीमा जी भी गर्म हो गयी थीं. इधर मेरा लौड़ा भी डंडा बन कर उनके भोसड़े में घुसने को तैयार था.
अबकी बार मैंने उनके बोबों पर अपने होंठ लगा दिए और उनके निप्पलों को चूसने लगा. मैं दूसरे हाथ से मांसल बोबे को दबाने लगा था. उनकी कामुक सिसकारियां निकलनी शुरू हो गयी थीं.
मैंने अपने हाथ को बोबे पर से हटाकर उनकी मोटी और काली चूत पर रख दिया. पता चला कि साली की चूत वापस गीली हो चुकी थी. मैं उनकी चूत की अपने हाथ से रगड़ रहा था और जोर जोर से एक बोबे की घुंडी को चूस रहा था.
सीमा जी- अब मत तड़पा … बहन के लौड़े. जल्दी से चूत में लौड़ा घुसा दे मादरचोद.
मैं- चिंता मत कर कुतिया … मेरी रंडी … ले लंड ले मेरी रंडी … ले लंड ले … साली मां की लौड़ी अपनी चूत को बोल दे … अब लौड़ा घुसने वाला है.
सीमा जी- हाईई … ऊऊऊह चोद दे रे भोसड़ी के.
मैं सीमा जी की मोटी मोटी जांघों के बीच में आ गया और उनकी दोनों टांगों को फैला दिया. उनकी चूत के पानी से भीगा काला भोसड़ा मेरे लौड़े के सामने था. मैंने अपने लौड़े को काली भोसड़े सी चूत से रगड़ दिया.
सीमा जी- हाईईई … घुसा दे मेरे चोदू.
मैंने अपने हाथ से लौड़े को उनके भोसड़े के खांचे में रखा और एक तेज सांस लेकर एक ही धक्के में लौड़े को उनके भोसड़े में अन्दर तक घुसा दिया.
सीमा जी- हाईईई मार दिया रे मादरचोद. भोसड़ी के धीरे से घुसाता न जालिम!
फिर मैं तो वैसे ही ज्यादा उम्र की औरतों को चोदने का भूखा था. मेरे लिए तो उनके बोबे किसी जवान लौंडिया की तरह ही थे.
मैं- साली रंडी … ले अब धीरे से घुसाऊँगाले अब धीरे से घुसाऊँगा.
जैसे ही मैंने अपना लौड़ा बाहर निकाला, सीमा ने एक ठंडी आह भरी. मैं भी चूत के मामले में बहुत बड़ा सनकी हूँ.
दुबारा से मैंने लौड़े को वापस उनकी चूत पर रखा और इस बार पहले से भी तेज गति से चूत में धक्का दे मारा.
इसी के साथ सीमा आंटी की एक बार फिर से जोरदार चीख निकल पड़ी- मादरचोद …
भैन के लंड …
रंडी ही समझ लिया तूने तो … मां चोद दी एक ही धक्के में … आह बहन के लौड़े.
मैं- तुम्हें तो वाइल्ड और गंदा सेक्स पसंद था न साली कुतिया … अब चुद ले मेरी रांड … अभी तो तुम्हें अपना पेशाब भी पिलाऊंगा मेरी रांड … हरामन.
सीमा जी- आह पिला देना मेरे भोसड़ी के आशिक … मैं भी अपनी इस चूत से तुम्हें पेशाब पिलाऊंगी. बहुत मजा आएगा मेरे राजा.
मैं- हाँ … गंडमरी … हम दोनों ही पिलाएंगे.
अब मैं उनकी चिकनी और गीली चूत में लौड़े से धक्के मारने लगा. उन्होंने मुझे अपनी बांहों में कस रखा था. मैं भी तेज गति से उनकी चूत में लौड़े को घुसा रहा था.
कमरे से फच्छ फच्छ की आवाजें आ रही थीं … साथ ही सीमा जी की कामुक सिसकारियों से पूरा रूम गूंज रहा था. मेरा लौड़ा भोसड़े के पानी से पूरा सफेद होकर चमक रहा था.
दस मिनट इसी पोज़ में चोदने के बाद मैंने उन्हें घोड़ी बनने के लिए कहा. वह तुरंत अपनी मोटी और काली गांड को मेरे सामने ले आईं. मैंने उनके मोटे कूल्हों पर जोर से तमाचा लगा दिया.
तमाचे की हनक से सीमा जी के मुँह से गाली निकली- भैनचोद … मां के लौड़े … घुसा दे वापस भोसड़ी के … क्यों सता रहा है.
मैंने उनके कूल्हों को पकड़ा और गीली हुई चूत में एक ही झटके में लौड़ा पूरा जड़ तक अन्दर घुसा दिया. बस एक बार फिर से उनके मुँह से जोरदार सिसकी निकल पड़ी.
अब मैंने उनको मां-बहन की गाली देते हुए जोर जोर से चोदना शुरू कर दिया. बेड भी पूरा चुऊं चुऊं बोल रहा था. दोनों ही मस्ती में चुदाई कर रहे थे. हर धक्के के साथ सीमा जी के मोटे ओर मांसल बोबे बड़ी जोर जोर से हिल रहे थे. मैंने एक हाथ नीचे ले जाकर उनके एक बोबे को पकड़ लिया और तूफानी रफ्तार से धक्के मारने लगा.
सीमा जी की वासना से भरी हुई सिसकारियां अब करहाने की आवाज में बदल चुकी थीं- आंह अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है भोसड़ी के … जल्दी से लौड़े का पानी निकाल दे.जल्दी से लौड़े का पानी निकाल दे.
मैं- ले तो मेरी जान … अब तेरी चूत को लौड़े का पानी पिलाता हूँ.
अगले 20 से 25 धक्के मैंने पूरा दम लगाकर मारे और मेरे लौड़े ने भी अपना सफेद लावा मैडम के भोसड़े में डाल दिया.
इसी के साथ हम दोनों का चुदाई का तूफान रुक गया.
हम दोनों ही निढाल होकर बिस्तर पर गिर गए थे.
दोनों की सांसें तेज तेज चल रही थीं. उनके मांसल ओर मोटे बोबे अब भी उनकी सांसों के साथ ऊपर नीचे हो रहे थे.
सीमा जी ने अपनी आंखें बंद कर रखी थीं. उनके चेहरे पर संतुष्टि का एक भाव झलक रहा था.
थोड़ी देर में वो अपनी मोटी गांड मेरी तरफ करके सो गईं. मैंने बहुत ही प्यार से उनकी गांड पर एक पप्पी दी. पूरा बिस्तर लौड़े औऱ चूत के पानी से गीला हो रहा था.
सीमा जी के काले और मोटे भोसड़े को चोदने के बाद हम दोनों सुस्ताने लगे थे.
वो मेरी आंखों के सामने अपनी मोटी गांड को दिखाती हुई लेटी थीं.
मैंने एक बहुत ही गहरी पप्पी उनके कूल्हों की ले ली … इससे सीमा जी की नींद खुल गई.
सीमा जी ने मेरी तरफ मुड़ते हुए कहा- अब क्या इरादा है मादरचोद.
मैं- बहन की लौड़ी, अब तेरी गांड की मां चोदना है. तेरी इस मोटी गांड में अपना लौड़ा घुसाना है रंडी.
सीमा जी- कर ले अपने मन की तू भी पूरी इच्छा. आज पहली बार इस गांड में लौड़ा घुसेगा.
मैंने उनको बोला कि बाथरूम में जाकर पहले अच्छी तरह से चूत और गांड को धो आओ.
सीमा आंटी अपने मोटे मोटे कूल्हे मटकाती हुई बाथरूम में चली गईं. लौड़ा ये सोच कर अपने शबाब पर आने लगा था कि आज चूत के साथ साथ पहली बार इसकी मोटी 56 साल की गांड को चोदने का मौका मिलने वाला है.
थोड़ी देर में सीमा जी कमरे में आ गईं और मेरे बगल में लेट गईं. मैंने उनके मोटे मोटे ओर मांसल बोबों को हाथों में भर लिया और बेरहमी से दबाने लगा. सीमा जी की मस्त सिसकारियां निकलनी शुरू हो गयी थीं. उनके बोबे जोर जोर से दबाने के कारण अब काले से लाल होना शुरू हो गए थे. मेरे हाथों में जितनी ताकत थी, उतने ही दम से मैं उनके मोटे बोबों को दबा रहा था … मसल रहा था.
सीमा जी- हाईईईई … जालिम मार डाला रे आज तो … इतने बुरी तरह से बोबे तो कभी मेरे पति ने भी नहीं दबाए थे … मसल डाल इन बोबों को भोसड़ी के. आज ऐसे ही चोद चोद के मुझे मार दे मादरचोद … साले भोसड़ी के.
मैंने भी उनके बोबे पूरी तरह से मसल दिए थे. मैं उनके बोबों की घुंडियों को भी जोर से मींज रहा था. फिर मैंने अपना मुँह में उनका एक बोबा भर लिया. अब एक को चूस रहा था और दूसरे को दबा रहा था.
सीमा जी भी मेरे होंठों को अपने मुँह में भर चुकी थीं और वो मेरे होंठों को जोर जोर से चूस रही थीं. चूस क्या रही थीं … बल्कि खा रही थीं.
हम दोनों ही एक दूसरे को चूसते हुए अपना थूक भी एक दूसरे को पिला रहे थे. मुँह पर दोनों के थूक ही थूक था,मुँह पर दोनों के थूक ही थूक था, जिससे दोनों के चेहरे चिकने हो गए थे. वो अपने होंठों से मेरे थूक से सने हुए मुँह को चाट रही थीं. इधर मेरे हाथ उनके बोबों पर चल रहे थे.
फिर मैंने अपना एक हाथ उनकी फूली हुई चूत पर रख दिया. साली चूत भी पूरी गीली हुई पड़ी थी. मैंने उनकी चूत में उंगली डाली और चूत के पानी को लेकर उनकी गांड पर फिराने लगा. बार बार मैं ऐसा ही करता और उनकी गांड को चिकनी करता.
थोड़ी देर में जब ये एहसास हुआ कि गांड अब बहुत गीली हो गयी है, तो मैंने अपनी एक उंगली उनकी गांड में हल्की सी अन्दर कर दी.
इतने में ही मैडम की मां चुद गई और उनकी तेज सिसकारी निकल गई- उईई … मेरी जान … दर्द होता है …
मगर मैं उनकी चिल्लपौं को नजरअंदाज करते हुए उंगली करता रहा.
इसी तरह मैं सीमा जी के होंठों को चूसते हुए धीरे धीरे उनकी गांड को चिकना करने में लगा रहा. मैं अब तक अपनी पूरी उंगली उनकी गांड में घुसा चुका था. उनके मुँह मेरे होंठों की वजह से बंद था तो जब भी मैं उनकी गांड में उंगली करता, उनकी सिसकी मेरे मुँह में ही घुट कर रह जाती. फिर मैं जल्दी जल्दी उनकी गांड को उंगली से चोदने में लग गया.
अब तक उनको उंगली से होने वाला दर्द खत्म हो गया था और वो भी मजा लेने लगी थीं.
सीमा जी- मजा आ रहा है भोसड़ी के गांड में भी कसक उठ रही है.
ये सुन कर मैंने उनको पेट के बल लिटा दिया. उनकी मोटी सी गांड अब मेरी आंखों के सामने थी. मैंने उनके दोनों कूल्हों पर अपनी जीभ फिरानी शुरू कर दी.
सीमा जी के मुँह से लगातार सिसकारियां निकल रही थींसीमा जी के मुँह से लगातार सिसकारियां निकल रही थीं. उनके कूल्हों को पूरा गीला करने के बाद मैंने अपनी जीभ उनकी गांड के छेद पर लगा दी और उनकी गांड को चूसने लगा. साथ ही मैं अपने एक हाथ से उनकी मोटी चूत को भी सहला रहा था.
सीमा जी मजे के मारे दोहरी हुए जा रही थीं. चूत को सहलाने से मेरा पूरा हाथ उनकी चूत के पानी से गीला हो चुका था. उनकी गांड चूसते हुए मैंने अपना गीला हाथ उनके मुँह में दे दिया. सीमा जी अपनी चूत के पानी को मस्ती से चूस रही थीं. उनकी सांसें बहुत तेज चल रही थीं. शायद ये उनकी इतनी उम्र के कारण भी हो सकता था. मैंने चूस चूस कर पूरी गांड गीली कर दी.
मैं- सीमा डार्लिंग … तेरी मां को चोदूं … बहन की लौड़ी … चल अब घोड़ी बन जा.
सीमा जी तुरंत उठीं और उठते ही सबसे पहले मैंने अपना लौड़ा उनके मुँह में दे दिया.
सीमा जी ने अपना पूरा मुँह खोल कर लंड को मुँह में ले लिया और जड़ तक अन्दर लेकर चूसने लगीं. मैंने उनके सर को पकड़ उनके मुँह को लौड़े से चोदना शुरू कर दिया और दनदनादन धक्के मारने लगा.
उनके मुँह से थूक निकलने लगा, जो लौड़े को और चिकना कर रहा था.
करीब पांच मिनट बाद जब मैंने लौड़ा निकाला, तो वह जोर जोर से हांफने लगीं.
सीमा जी- अब थोड़ी देर मेरी चूत भी चूस दे.
मैं तो वैसे ही चूत को चूसने का बहुत शौकीन हूँ. जब तक चूत को न चुसूं … मुझे चुदाई का मजा ही नहीं आता.
मैंने उनको नीचे लिटा कर उनकी काली ओर मोटी जांघों को चौड़ा करके अपने होंठों को उनकी मोटी और पाव रोटी जैसी फूली हुई चूत पर रख दिया.
अपने होंठों से सबड़ सबड़ करके मैं उनकी चिकनी चूत को चूसने लगा. उन्होंने अपने हाथों से मेरे सर को और जोर से अपनी चूत पर लगा लिया. मैं मस्ती के साथ उनके भोसड़े को चूस रहा था.
करीब 15 मिनट तक मैंने उनकी चूत को चूसा. हम दोनों की ही सांसें तेज हो रही थीं और सीमा जी के बोबे उनकीऔर सीमा जी के बोबे उनकी सांसों के साथ ऊपर नीचे हो रहे थे. बोबों पर लाल लाल निशान हो गए थे.
मैं- मेरी रांड … अब तैयार हो जा. तेरी गांड को आज लौड़े से फाड़ दूंगा.
सीमा जी- फाड़ दे भोसड़ी के … आज पहली बार गांड में लौड़ा घुसेगा … और सुन, मैं चिल्लाऊं, तब भी रहम मत करना. फाड़ दे तू तो आज इस गांड को भी..!
मैंने उनको घोड़ी बनने को कहा. सीमा जी अपनी मोटी सी गांड को मेरे सामने लाकर घोड़ी बन चुकी थीं.
एक बार फिर से मैंने उनकी गांड को अपने थूक से खूब सारा चिकना कर दिया. फिर मैंने अपने लौड़े पर भी बहुत सारा थूक लगाया और उनकी गांड के छेद पर रख दिया. सीमा की सांसें तेज हो रही थीं.
मैंने उनके कूल्हों को अच्छी तरह पकड़ा और गीले लौड़े को उनकी गांड के छेद पर फिराने लगा. फिर थोड़ा सा जोर लगाकर उनकी गांड के छेद में अन्दर लंड पेला. इतने में ही सीमा के मुँह से ‘हाईई..’ की आवाज आई.
मैंने उनके कूल्हों को अच्छी तरह से पकड़ कर जोर से एक धक्का दे मारा.
सीमा आंटी- हाआईई … रामम्म … मर गईईईई..
मैंने मजबूती से उनके कूल्हे पकड़े हुए थे. बहुत सारा थूक मैंने फिर से उनकी गांड पर थूका और जोर लगाकर लौड़े से एक दमदार धक्का दे मारा.
सीमा जी- उयययय … हाईईई … फट गई रे मेरी गांड … ऊऊऊम्म्म!
मेरा भी लौड़ा दर्द कर र?
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