नए फ्लैट में दोस्त की मम्मी की चुदाई Maami
नए फ्लैट में दोस्त की मम्मी की चुदाई
Desi Story |
नमस्कार दोस्तो, मैं रोनित आपके सामने फिर से हाजिर हूं.
जैसा कि आपने मेरी सेक्स कहानी
नए फ्लैट में दोस्त की मम्मी को चोदा
में पढ़ा था कि मैंने अपने दोस्त वरूण की मम्मी की जी भरके चूत चोदी थी.
अब आगे की हॉट MILF सेक्स कहानी:
हम तीनों ने काम खत्म करके खाना खा लिया था. उसके बाद हम तीनों थोड़ा आराम करने लगे.
हमारे इस नए फ्लैट में 2 रूम, टॉयलेट, किचन और गैलरी थी.
वरूण ने अपना मां को एक कमरा दे दिया जिससे उनको कोई परेशानी न हो.
एक कमरे में मैं और वरूण आराम कर रहे थे.
मैं और वरूण सोकर 7 बजे उठे और हम दोनों फ्रेश हो गए.
तभी एकदम से आंटी की आवाज़ आई- बच्चो, डिनर का वक्त हो गया है जल्दी टेबल पर आ जाओ.
हम दोनों बाहर आकर डाइनिंग टेबल पर बैठ गए.
आंटी किचन से खाना लेकर आ गईं.
जैसे ही आंटी ने खाना नीचे टेबल पर रखा, मैंने तुरंत अपना ध्यान आंटी की तरफ केंद्रित किया.
आंटी ने वन पीस नाइटी पहन रखी थी, जिसके नीचे उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी.
इस कारण से उनके दूधिया मम्मों की बनावट साफ़ दिख रही थी और निप्पल एकदम ऐसे कड़े हो रहे थे जैसे नाइटी को फाड़कर बाहर आ जाएंगे.
मैं उनकी तरफ देख रहा हूँ, यह आंटी ने देख लिया.
उन्होंने सेक्सी सी अदा बनाकर आंख मार दी.
हम तीनों टेबल पर बैठकर खाना खाने लगे.
आंटी और में बराबर में बैठे थे और वरूण सामने वाली कुर्सी पर बैठा था.
खाना खाते खाते आंटी ने अपनी नाइटी का ऊपर का बटन खोल दिया और वो मुझे ललचाने लगीं.
तभी वरूण ने कहा- मम्मी, मुझे पनीर की सब्जी पास कर देना.
आंटी ने कहा- बेटा एक मिनट रुको, मैं वहीं आकर परोसती हूं.
जैसे ही आंटी उठीं तो मेरा ध्यान उनकी मटकती हुई गांड पर गया.
क्या कयामत ढा रही थी हॉट MILF आंटी की मोटी गांड … मेरा लौड़ा तुरंत खड़ा हो गया.
आंटी जब वरूण को खाना परोस रही थीं तो उस वक्त मैंने देखा कि आंटी इतना ज्यादा झुकी हुई थीं कि उनकी चूचियों की गहराई साफ़ दिख रही थी.
मैं खाना खाते खाते वही देख रहा था. तभी आंटी ने मुझे देखा और चूचे पीने का इशारा किया.
मैंने वरूण के डर से कुछ नहीं कहा.
खाना खत्म करने के बाद आंटी ने कहा- रोनित, मेरे साथ बर्तन उठाकर किचन ले चलो.
मैंने तुरंत उनकी आज्ञा का पालन किया और बर्तन लेकर चल दिया.
मैं चलते चलते आंटी की गांड को मटकते हुए देख रहा था और इसमें मज़ा भी बहुत आ रहा था.
हम दोनों किचन में पहुंचे, तो मैंने कहा- आंटी इतना ना तड़पाओ, मेरे से अब रहा नहीं जा रहा है.
आंटी ने कहा- चुप कर मेरे राजा … वरना वरूण सुन लेगा.
मैंने धीरे से कहा- आंटी कुछ तो करने दो!
आंटी ने चूचे बाहर निकाल कर कहा- ले पी ले इनको … और अपनी प्यास बुझा ले.
मैं तुरंत आंटी के चूचों पर टूट पड़ा और पीने लगा. मैं आंटी की चूचियां ऐसे पी रहा था जैसे छोटा बच्चा भूख लगने पर मां का दूध पीता है.
थोड़ी देर दूध पीने के बाद वरूण की आवाज़ आ गई तो हमने कपड़े ठीक किए और मेज पर वापस चले गए.
तभी मैंने कहा- आंटी, आपने पार्टी करने के लिए बोला था.
आंटी तुरंत वरूण से बोलीं- बेटा मेरे कमरे में लगेज रखा है, उसमें एक इंटरनेशनल ब्रांड की व्हिस्की रखी है. उसे लेकर आ.
मैं चौंक गया क्यूंकि मुझे मालूम नहीं था कि आंटी भी दारू पीती हैं.
वरूण जल्दी से गया और दारू की बोतल लेकर आ गया.
फिर आंटी ने तीनों के गिलास में व्हिस्की डाल दी और हम पीने लगे.
मैंने और आंटी ने एक एक पैग लगाया लेकिन मैंने वरूण को जबरदस्ती दो पैग ज्यादा पिला दिए जिससे उसको अच्छे से गहरी नींद आ जाए.
वही हुआ, ज़्यादा शराब पीने के कारण वो मेज पर ही गिरने लगा.
आंटी और मैंने उसे उठाया और उसको कमरे में सुलाकर आ गए.
तब आंटी ने मुझसे कहा- रोनित बेटा, रात में 12 बजे के बाद चुदाई करेंगे. तुम मेरे कमरे में आ जाना.
मैंने हामी भर दी.
मैं 12 बजने का इंतज़ार करने लगा.
ग्यारह बजे तक इंतज़ार करने के बाद मुझसे रहा नहीं गया, तो मैंने सोचा कुछ भी हो जाए, आज इस रंडी को अच्छे से चोदूंगा.
फिर मैं आंटी के कमरे में चला गया.
मैंने देखा कि वहां कोई नहीं था.
तभी मैंने बाथरूम की तरफ से आवाज़ आती सुनी तो मुझे मालूम हो गया कि आंटी चुदने से पहले फ्रेश हो रही हैं.
मैं बाथरूम की तरफ गया तो मैंने देखा कि आंटी अपनी बड़ी गांड को साफ़ कर रही थीं.
मैंने देरी न करते हुए खुद को नंगा किया और बाथरूम में घुस गया.
आंटी की आंखें बंद थीं तो मैं आंटी के पीछे आया और उनकी चूचियों को पकड़ लिया.
वे एकदम से डर गईं और बोलीं- अरे बाप रे … कौन आ गया?
फिर आंटी ने मुड़ कर देखा तो कहा- अच्छा बेटा तू … अभी इतनी जल्दी क्यूं आ गया मेरा राजा बेटा … अगर वरूण उठ गया तो!
मैंने कहा- आंटी, वरूण को बहुत चढ़ गई है … अब वो सुबह से पहले नहीं उठेगा.
आंटी ने कहा- तो फिर देर किस बात की?
मैं झट से आंटी को शॉवर में ही किस करने लगा. मैं किस करते करते में आंटी के चूचे मसल रहा था जिसके कारण आंटी सेक्सी सिसकारियां भर रही थीं.
काफी देर तक किस करने के बाद मैंने आंटी के चूचों पर बॉडी लोशन लगाया और उनको दबा दबा कर पीने लगा.
आंटी मादक आवाज में कह रही थीं- आंह बेटा … तुझको मेरी चूचियों से ज़्यादा ही प्यार है … वरना और कोई तो किसी ने अब तक कभी भी इन्हें इतने खूंखार तरीके से नहीं चूसा.
मैंने कहा- आंटी, मैं आपकी चूचियों को पूरा दिन चूस सकता हूँ. ये हैं ही इतनी स्वादिष्ट और एकदम रसीली.
आंटी ने कहा- अरे बेटा, मेरी चूत को भी तो चख, वो और भी ज्यादा स्वादिष्ट है.
मैंने कहा- मेरी जान, अभी उसको भी चाट लेता हूं.
मैंने आंटी को बाथरूम में ही लेटा दिया और उनकी चूत चाटना शुरू कर दिया.
आंटी की चूत में एकदम नमकीन स्वाद था जो मुझे बेहद मज़ा दे रहा था. चुत चाटने से आंटी को भी मज़ा आ रहा था.
फिर मैंने आंटी को घोड़ी बना दिया और आंटी की गांड पर थप्पड़ मारने शुरू कर दिए.
इससे आंटी को दर्द तो हो रहा था लेकिन उनको मज़ा भी आ रहा था.
आंटी बोलीं- अब आज तू मेरी गांड मारेगा, तो इसको तो चाट चाट कर चिकनी कर दे.
मैंने तुरंत आंटी की गांड में थूका और चाटने लगा.
आंटी की गांड का छेद चाटते वक्त खुल बंद हो रहा था तो देखने में बहुत मज़ा आ रहा था.
थोड़ी देर बाद मैंने कहा- आंटी, चलो अब खड़ी हो जाओ, कमरे में चलते हैं.
आंटी और मैंने शॉवर लिया और आंटी को में गोद में उठाकर कमरे में लेकर आ गया.
कमरे में लाते ही मैंने आंटी को बेड पर पटक दिया और झट से उल्टी करके गांड को चाटने लगा.
आंटी ने मुझसे कहा- बेटा मेरे बैग में देख … बट प्लग रखा होगा, उसको निकाल कर ला.
मैं तुरंत बैग में से बट प्लग निकालकर ले आया.
आंटी ने कहा- बेटा, इस पर थूक लगाकर मेरी गांड में डाल दे जिससे मेरी गांड तेरे चोदने के लिए थोड़ी खुल जाए.
मैंने वही किया और आंटी की गांड में बट प्लग लगा दिया.
जब तक गांड ढीली होती, तब तक मैं उनकी चूत में लंड घिसने लगा.
आंटी बोलीं- चल मेरे बेटे जब तक मेरी गांड ढीली होती है, तब तक मेरी चूत जमकर चोद ले.
मैंने वही किया और आंटी की चूत में लौड़ा घुसेड़ दिया.
इससे आंटी के मुँह से सेक्सी आवाज़ आने लगी.
उनके दोनों छेद भरे हुए थे.
मैंने एक हाथ से आंटी का मम्मा पकड़ लिया और आंटी की चूत में तेज़ी से लंड अन्दर बाहर करने लगा.
लंड अन्दर बाहर करते करते मैंने आंटी के बाल पकड़ लिए और गांड पर थप्पड़ मारने लगा.
थोड़ी देर पोजीशन बदल बदल कर चोदने के बाद मैंने आंटी से कहा- आंटी अब गांड मार लूं?
आंटी बोलीं- हां चल शुरू कर दे.
मैंने आंटी का बट प्लग निकाल दिया और आंटी को काऊ गर्ल पोजीशन में बैठाकर उनकी गांड में लंड पेल दिया.
आंटी की गांड इतनी ढीली हो चुकी थी जैसे मक्खन में लंड ठोक दिया हो.
मैं आंटी को गोद में उठाकर खड़ा हो गया और आंटी को झूला झुलाते हुए उठा उठाकर चोदने लगा.
आंटी मस्त हो गईं और कहने लगीं- वाह बेटा … मस्त चोद रहा है मुझे बहुत मज़ा आ रहा है … आह और मार और तेज पेल.
मैंने आंटी से पूछा- आंटी आपने कभी थ्री-सम सेक्स किया है?
आंटी बोलीं- थ्री-सम ही नहीं मैंने बहुत बार कंपनी के बिजनेस के कारण गैंग बैंग भी कराया है.
मैं चौंक गया कि आंटी तो बहुत बड़ी वाली रंडी निकली. मैं आंटी को हवा में चोदते हुए किस कर रहा था, उनकी जीभ को अपने मुँह में लेकर चूस रहा था.
कुछ देर बाद मैंने आंटी को नीचे लिटा दिया और उनको उल्टा कर दिया; आंटी की गांड फैला कर छेद में लंड पेल दिया.
वो मस्त होकर अपनी गांड हिलाते हुए लंड का मजा लेने लगीं.
मैंने उनकी गर्दन पर चूमते हुए पूछा- आंटी, आपने एक साथ कितने लंड चूत में लिए हैं?
आंटी ने कहा- चूत में तो अभी तक एक ही लिया है, लेकिन गांड में एक साथ दो लौड़े लिए हैं, इसीलिए तो ये इतनी ढीली हो गई है.
मैंने आंटी गांड मारने की रफ्तार बढ़ा दी.
फिर उनके हाथों को पकड़ा और आगे से उठा कर और तेज़ी से गांड मारने लगा.
आंटी बोलीं- बड़ा मजा दे रहा है बेटा … अपने लंड का माल मेरी गांड में ही छोड़ना.
मैंने कहा- ठीक है.
मैं हॉट MILF सेक्स करते हुए चरम पर आ गया और आंटी की गांड में ही झड़ गया.
थोड़ी देर बाद हम दोनों अलग हो गए.
कुछ रुकने के बाद आंटी फिर से मेरा लौड़ा चूसने लगीं और उस पर लगा सारा माल चाट कर साफ़ कर दिया.
अब आंटी ने कहा- चल रोनित, अब दोनों फिर से नहा लेते हैं वरना कहीं वरूण उठ गया, तो दिक्कत हो जाएगी.
मैं आंटी को गोद मैं उठाकर बाथरूम तक लेकर आया और हमने नहाते नहाते उधर फिर से चुदाई की.
चुदाई करते करते आंटी एक बार झड़ गईं, मगर मैं आधा घंटा तक आंटी को चोदता रहा.
फिर हमने अपने आपको नहा कर तौलिए से साफ़ किया.
मैंने कपड़े पहने लिए.
आंटी ने कपड़े नहीं पहने.
मेरे पूछने पर आंटी ने बताया कि वो रात में नंगी ही सोती हैं.
मैं आंटी की गांड पर थप्पड़ मारकर अपने कमरे में सोने आ गया.
आंटी ने सुबह उठाकर हम दोनों को चाय दी और वो बोलीं कि आज रविवार है तो क्यों न हम कहीं घूमने चलें?
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