भाभी ने मेरे घर पर आकर चुदाई करवाई Bhabi Ki Ghar mai chudai

भाभी ने मेरे घर पर आकर चुदाई करवाई

Desi Story
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हॉट सेक्स विद भाभी कहानी में मैं अपनी ममेरी भाभी को पसंद करता था; वह भी मेरी मंशा को जानती थी. मैं पहल करने से डर रहा था तो एक दिन भाभी ने ही खेल शुरू किया।


मेरा नाम प्रभास (बदला हुआ) है। मैं उत्तर प्रदेश के बरेली जिले का रहने वाला हूं।

आज मैं आप लोगों को अपनी एक सेक्स स्टोरी बताने जा रहा हूं जब मैंने अपनी ममेरी भाभी की चूत मारी थी।


मैं सच बताऊं तो भाभी ने चूत खुद मेरे घर आकर मरवाई थी।

उनका नाम शीला है और उनके तीन बच्चे हैं।

लेकिन फिगर अभी भी मस्त है जो कि 36-32-38 का है।


सेक्सी भाभी को एक बार जो देख लेता है वो बस उनका दीवाना हो जाता है, उसका मन भाभी की चुदाई करने के लिए हो उठता है।


ऐसा ही हाल मेरा भी हो गया था भाभी को देखने के बाद!

तो हॉट सेक्स विद भाभी कहानी का मजा लें.

उस वक्त मैं बाहर रहकर पढ़ाई कर रहा था।

मैं भाभी के घर आता-जाता रहता था।

तो मैं जब भी जाता तो भाभी को देखता रहता था।


भाभी की मोटी गांड और चूचियों के उभार देखकर मेरे तन बदन में करंट दौड़ने लगता था।

उनकी चुदाई के लिए मन मचल जाता था।


शायद भाभी भी मेरी नजरों की प्यास को भांप गई थी।


दोस्तो, मैं लगभग तीन साल से भाभी को पसंद करता था लेकिन कभी कुछ कहने की हिम्मत नहीं हुई थी।


एक दिन भाभी ने खुद ही आकर मुझसे ऐसी बात कह दी जिसके बारे में मैं कभी सोच भी नहीं सकता था कि वे ऐसा कुछ अपने मुंह से कह सकती हैं।


उस दिन मैं भाभी के यहां गया तो उनके घर कोई नहीं था।

जब मैंने नाश्ता कर लिया तो मैं बैठकर टीवी देख रहा था।

भाभी मेरे पास आकर बैठ गई।


मैं सोफे पर बैठा हुआ टीवी की तरफ देख रहा था कि अचानक भाभी का हाथ मेरी जांघ पर आ गया।

वे मेरी जांघ को सहलाने लगी।

मैं तो घबरा सा गया कि ये क्या हो रहा है।


फिर मैं उचका तो भाभी बोली- क्या हुआ, बाकी दिन तो बड़ी हवस भरी नजरों से घूरते रहते हो। आज क्या हो गया?

भाभी ने मेरी नस पकड़ ली थी।


मैं अब कुछ न बोल सका।


फिर उसने मेरा हाथ अपने हाथ में ले लिया और सहलाते हुए बोली- दिल की बात दिल में नहीं रखनी चाहिए, कह देनी चाहिए। मुझे पसंद करते हो न तुम?

मैंने सोचा कि अब फालतू का नाटक करना ठीक नहीं है, भाभी को दिल की बात कह ही देनी चाहिए।


भाभी की तरफ देखकर मैंने हां में मुंडी हिला दी।

तो भाभी मुस्करा दी।

साथ में मैं भी मुस्करा दिया।


हम दोनों एक दूसरे को देख ही रहे थे कि अचानक चेहरों की मुस्कान गायब हो गई और एकदम से एक प्यास दोनों होंठों पर तैर गई।

भाभी ने एक पल न सोचते हुए अपनी साड़ी का पल्लू सीने पर से हटाया और मेरा मुंह अपने सीने में छुपा लिया।


मेरे होंठ सीधे भाभी की क्लीवेज पर जा लगे।


उन नर्म दीवारों के बीच एक गहरी घाटी नीचे चोली में जा रही थी।


भाभी ने मेरे बालों को सहलाते हुए मुंह को चूचियों में दबा दिया।


मैंने भी दोनों हाथों से ब्लाउज के ऊपर से ही चूचियों को थाम लिया और चूचियों में मुंह मारते हुए उनको भींचना शुरू कर दिया।


लेकिन तभी दरवाजे की बेल बजी और हम उठ खड़े हुए।


भाभी ने एकदम से अपना पल्लू सीने पर फैलाया और सिर पर ढकते हुए गेट की ओर तेजी से दौड़ी।


कुछ पल बाद भैया भीतर दाखिल हुए।


मैं थोड़ा सहम सा गया था लेकिन मैंने नॉर्मल ही बर्ताव करने की कोशिश की।

फिर कुछ देर भैया के साथ बातें करके मैं वहां से निकल गया।


अब भाभी से रोज मेरी फोन पर बात होने लगी।

कई बार जब भैया सो जाते थे तो वो छत पर जाकर मुझसे बहुत बातें करती थी।

हम दोनों सेक्स की बातें भी करते थे।

फिर एक दिन जब मैं उनके घर गया तो घर पर कोई नहीं था।

मैंने पीछे से जाकर भाभी को दबोच लिया, दोनों हाथ चूचियों पर जा टिके।


मैंने भाभी की चूचियों को दबाना शुरू कर दिया।

भाभी के बूब्स बहुत टाइट थे।

बहुत मजा आ रहा था दबाने में!


अंदर से भाभी ने ब्रा भी नहीं पहनी थी।

मैंने भाभी की गांड में लंड लगा दिया और धक्के देते हुए वहीं पर जैसे चुदाई करने लगा।


लेकिन कपड़ों की दीवार बीच में थी।


मैं भाभी की साड़ी उठाना चाहता था लेकिन भाभी ने मुझे रोक लिया और बोली- कुछ देर बाद तुम्हारे भैया आने वाले हैं।

फिर मैं रुक गया लेकिन चूचियों को दबाता रहा।


हमने बहुत देर तक किस भी किया।

फिर मुझे जाना पड़ा।

अब हम दोनों ही सेक्स के लिए तड़प रहे थे।


भाभी ने चुदाई के लिए प्लानिंग की।

वो भैया से बोली कि उसका मन घर पर नहीं लग रहा है और कुछ दिन अपनी सहेली के यहां जाना चाहती है।

भैया ने भाभी का मन रखने के लिए हां कर दी।


फिर वो घर से सहेली के पास जाने के लिए निकली लेकिन सीधे मेरे रूम पर आ गई।

मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

पहली बार मैं सेक्स करने वाला था।

पोर्न वीडियो में देख देखकर वैसे मैंने सब कुछ सीख लिया था।

मैं दिन में जाकर ही कंडोम ले आया था।


हम खाना शाम होते ही खा चुके थे।

रात में हमने अपनी पार्टी शुरू की।


अब हमने कोल्ड ड्रिंक खोल ली।

कुछ देर हमने बातें कीं और फिर लेट गए।


पता नहीं क्यों आज मुझे शर्म सी आ रही थी।

कुछ देर हम लोग ऐसे ही लेटे रहे।

कोई कुछ पहल नहीं कर रहा था।


थोड़ी देर के बाद भाभी उठी और बोली- कुछ करना नहीं है क्या? मैं इतनी दूर से आई हूं। क्या मुझे ऐेसे ही जाने दोगे?


मैं उठा और भाभी को कसकर गले लगा लिया, मैं उनके होंठों पर किस करने लगा।

वह भी मेरा साथ देने लगी।


दो मिनट में ही मेरा लंड पूरी तरह से तन गया।

भाभी ने लंड पकड़ लिया और बोली- यह तो बहुत जल्दी खड़ा हो गया!


मैं बोला- भाभी, मैंने पोर्न फिल्म में देखा है कि लड़की कैसे लड़के का लंड चूसती है। तुम भी चूसो न!


वो बोली- नहीं, मैंने आज तक कोई लंड नहीं चूसा है। इसलिए मैं लंड नहीं चूस पाऊंगी। मैंने तो तुम्हारे भैया का भी कभी नहीं चूसा है। चूत चाहे जितनी मर्जी चोद लो।

फिर मैंने भाभी को बिस्तर पर लेटा दिया।

मैंने उनकी सलवार खोली और पैंटी मेरे सामने थी।


फिर मैंने उनकी चूचियों को नंगी करके पीना शुरू कर दिया।


बड़ा मजा आ रहा था भाभी की मस्त मोटी चूचियों को पीने में … दबाते हुए मैं चूचियां पी रहा था।


मैंने फिर उनकी पैंटी को खींच दिया और भाभी की चूत नंगी हो गई मेरे सामने!


चूत देखकर मैं तो बावला सा हो गया।

क्या मस्त रसीली चूत थी भाभी की!

भाभी की चूत चोदने के लिए मैं तो मचल गया।


मैंने चूत को हथेली से सहलाया तो भाभी सिहर उठी।


मैं सहलाता चला गया और चूत के रस से उसे चुपड़ता चला गया।

चूत एकदम फूलकर गप्पा हो गई।


अब मुझसे रुका नहीं जा रहा था कि इतने में भाभी बोली- चोद दो अब … जान निकालोगे क्या मेरी!


मैंने भाभी की टांगों को दोनों हाथों से चौड़ी करके थामा और लंड चूत पर लगा दिया।


कुछ देर चूत पर लंड को रगड़ने के बाद मैंने कंडोम लगाकर भाभी की चूत में धक्का दिया तो लंड अंदर सरक गया।

चूत ढीली सी लगी।


भाभी के बच्चे हो चुके थे तो इसलिए शायद अब ढीली हो गई थी।

मैंने भाभी की चुदाई शुरू कर दी।

लंड बहुत आराम से चूत में अंदर जा रहा था।

मैं धकाधक भाभी को चोदे जा रहा था।


चुदने में भाभी को भी पूरा आनंद आ रहा था और मुझे भी बहुत मजा आ रहा था।


दोस्तो, अचानक से कंडोम फट गया।

मुझे तो पता भी नहीं चला।


भाभी बोली- रुको, कंडोम फट गया है। दूसरा लगा लो।

मैंने कहा- तुम्हें कैसे पता चला!

वो बोली- तुम्हारा पहली बार है, लेकिन मुझे बहुत तजुरबा हो चुका है।


फिर मैंने दूसरा कंडोम लगाकर, उन्हें बेड पर झुका कर पीछे से चोदना शुरू किया।


मैंने 15 मिनट तक ताबड़तोड़ भाभी की चुदाई की।

मैं अभी थकान महसूस नहीं कर रहा था लेकिन भाभी थक गई थी।


वो बोली- अब निकाल लो, दर्द होने लगा है।

लेकिन मैं कहां निकालने वाला था … मैंने दोबारा से उनको बेड पर पटका और चोदने लगा।

कुछ देर और पेलने के बाद मुझे लगने लगा कि अब मैं भी झड़ने वाला हूं।

फिर मैं तेज तेज झटके देने लगा।

बहुत मजा रहा था स्खलन के करीब आने पर।


तेजी से झटके देते हुए मैं भाभी की चूत में ही झड़ गया।

मैं फिर शांत होता चला गया।


भाभी बोली- मजा आ गया आज तो देवर जी!

मैं बोला- आप तो कमाल हो भाभी, ऐसा सुख कभी नहीं मिला था।

फिर मैंने उनको किस किया और उनके ऊपर ही लेट गया।


हॉट सेक्स विद भाभी के बाद लगभग घंटे भर हम नंगे ही एक दूसरे के ऊपर पड़े रहे।

मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा था।


मैंने कहा- भाभी, मुझे तुम्हारी गांड की चुदाई भी करनी है।

वो बोली- नहीं, मैंने कभी गांड नहीं मरवाई है।

मैं बोला- प्लीज, मेरा बहुत मन कर रहा है गांड चुदाई करने का। अगर नहीं मानी तो फिर मैं कभी तुमसे बात नहीं करूंगा।


वो मना करती रही।

लेकिन फिर मैं दूर हट गया तो वो मान गई।

फिर मैंने भाभी को झुका दिया।


उनको बेड पर घोड़ी बनाकर मैं किचन में से तेल की बोतल उठा लाया।

फिर वापस आकर मैंने लंड पर तेल लगाया और थोड़ा सा तेल भाभी की गांड के छेद पर भी लगा दिया।

मैंने लंड का टोपा भाभी की गांड पर सेट कर दिया और उसको लंड से सहलाने लगा।


फिर मैंने धीरे से भाभी की गांड में उंगली सरका दी तो भाभी की आह निकल गई।

वो उचक कर बोली- आह! आराम से कर ना …

मैं बोला- ठीक है।


फिर मैंने लंड को गांड पर टिका दिया और हल्के से धक्का दे दिया लेकिन लंड फिसल गया।

मैंने दोबारा ट्राई किया लेकिन लंड फिर से फिसल गया।


मुझे गुस्सा आ गया।

मैंने लंड को हाथ से पकड़ा और जोर का धक्का दे दिया।

भाभी की चीख निकल गई।


लंड अंदर घुस चुका था और भाभी तिलमिला उठी- आई ईईई … ईई ईई … ऊऊ ऊहहह मर गई! आहह निकालो … आआआआ मेरी गांड!

लेकिन मुझे बहुत मजा आ रहा था।


भाभी की गांड बहुत टाइट थी और अंदर से बहुत गर्म अहसास लंड को मिल रहा था।

मैंने भाभी की गांड चुदाई शुरू कर दी।


कुछ देर बाद उसको भी मजा आने लगा।

फिर तो वो मस्ती से गांड मरवाने लगी।

मैंने पूछा- अब कैसा लग रहा है?

वो बोली- देवर जी, कसम से मजा आ रहा है … जोर जोर से चोदो … मेरी गांड फाड़ दो … आज तुम जो कहोगे वो मैं करूंगी … आज के बाद मैं तुम्हारी हूं … आह्ह और जोर से चोदो … और जोर से चोदो।


दोस्तो, मैंने लगभग 20 मिनट तक भाभी की गांड जोर जोर से चोदी और फिर मैं गांड में ही झड़ गया।


भाभी चार दिन तक मेरे घर रुकी और हमने रोज नए-नए स्टाइल में चुदाई का मजा लिया। 

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