सामने वाली आंटी की प्यास बुझाई Samne Wali Anty Ki Pyas Bhujai

 सामने वाली आंटी की प्यास बुझाई Samne Wali Anty Ki Pyas Bhujai

Desi Story
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इंडियन X आंटी चुदाई का मजा मुझे मेरे सामने वाले कमरे में रहने वाली एक नर्स आंटी ने दिया. वे पति से अलग रह रही थी और उनके विवाहेतर सम्बन्ध थे कुछ लोगों से.


नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम आकाश है और मैं गोरखपुर यूपी का रहने वाला हूँ.

मैं 21 साल का जवान लड़का हूँ और एक मिडिल क्लास परिवार से हूँ. मेरी हाईट तकरीबन 6 फुट 1 इंच है और रंग गोरा है. मेरे लंड का साइज 7.5 इंच है.


यह इंडियन X आंटी चुदाई कहानी आज से 6 महीने पहले की एक सच्ची घटना पर आधारित है.

उस वक्त मैंने ग्रेजुएशन में एडमिशन लिया था और किराए के मकान में रह कर अपनी पढ़ाई शुरू की थी.

मेरे सामने वाले कमरे में एक नर्स आंटी रहती थीं जिनका नाम रंजीता था.

आंटी अपने पति से मारपीट की वजह से 10 साल से अलग रहती थीं.

उनका एक लड़का भी था, जो आंटी के मायके में रह कर पढ़ाई कर रहा था.


आंटी की हाइट 5 फुट थी, रंग गोरा और फिगर 34-30-36 का था.

वे दिखने में इतनी सुंदर थीं कि आस-पास के लोग उनको एक नजर देखने को पागल थे.


जब वे अपनी कमर हिला कर चलती थीं तो उनकी गांड और चूचे मस्त हिलते थे.

जब मैं अपने रूम में रहने आया, तो मैंने सारा सामान जमाया और उसके बाद अपनी पढ़ाई में लग गया.

एक दिन मैं रात को 10 बजे पढ़ाई कर रहा था तो मुझे छत पर किसी की चलने की आवाज आई.


जिधर मेरा ये कमरा था, उधर का एरिया गांव जैसा था. उस वजह से उतनी रात तक कोई जागता नहीं था.


आज जब रात को किसी के चलने की आवाज आई तो मन में कुछ शंका सी हुई और मैं धीरे से सीढ़ियों से ऊपर चढ़ा.

मैंने देखा कि आंटी किसी से बात फोन पर बात करती हुई टहल रही थीं.

मैं सीढ़ियों पर ही रुक गया और उनकी बातें सुनने की कोशिश करने लगा.


आंटी किसी से हंसकर और खिलखिला कर बातें कर रही थीं.

उनके बात करने के ढंग से मैं समझ गया कि जरूर ये कोई आंटी का बॉयफ्रेंड है.


कुछ देर बाद मैं नीचे चला आया.

उसके बाद से मैंने आंटी पर नजर रखनी बंद कर दी और अपनी पढ़ाई में लग गया.

मुझे समझ आ गया था कि आंटी की सैटिंग है तो ये मुझे क्यों घास डालेंगी.

फिर एक दिन मैंने देखा कि हमारे मकान में पुलिस आई है.

एक आदमी दो पुलिस के जवानों को लेकर आंटी के रूम में जा रहा है.


थोड़ी देर बार अन्दर शोर शराबे के साथ दोनों पुलिस वाले अन्दर से एक आदमी को पकड़ कर लेकर निकल रहे थे.

वह आदमी अधनंगी अवस्था में था और अपने आपको छुड़ाने की कोशिश कर रहा था.


थोड़ी देर बाद आंटी रूम से मैक्सी में निकलीं और पुलिस वालों के साथ जाने लगीं.

वे पांचों लोग चले गए.


मेरे मकान के सामने आस पास के लोगों की भीड़ जमा हो गई थी.

जब आस पास के लोगों से पता किया और उनकी बातें सुनी तो पूरा माजरा समझ में आया कि जो आदमी पुलिस लेकर आया था, वह आंटी का पति था … और जिसे पुलिस इनके रूम से पकड़ कर ले गई थी, उस आदमी से आंटी का अवैध संबंध था.

आंटी कह रही थीं कि ये उनके गुरु जी हैं.


शोर गुल शांत हुआ और मैं अपने कमरे में आकर सो गया.

अगली सुबह जब मैं उठा, तो देखा कि आंटी वापस आ गई थीं.


इस मकान में तीन कमरे थे, जिनमें से आंटी ने दो कमरे लिए हुए थे मगर हम दोनों का बाथरूम एक ही था.

मैं सुबह उठ कर अपना नित्य का काम चाय आदि करके फ्री हुआ और नहा कर कॉलेज चला गया.


जब कॉलेज से वापिस आया और अपने कपड़े बदल कर बाथरूम में गया, तो देखा कि उधर एक लेडीज स्पोर्ट्स ब्रा टंगी हुई है और साथ में कुछ कपड़े भी पड़े हुए हैं, जो आंटी के लग रहे थे.

ब्रा को देख कर मेरा मन मचल गया और मेरा लंड खड़ा हो गया.

आंटी के जिस्म और उनकी चूचियों को याद करके मैं लंड को आगे पीछे करने लगा.

कुछ देर बाद झड़ कर शांत हो गया और अपने रूम में आ गया.


अब क्योंकि मैं जान गया था कि आंटी लंड की प्यासी हैं तो मेरा मन उनको चोदने का और ज्यादा होने लगा.

मैं जब भी आंटी की ब्रा को बाथरूम में टंगा हुआ पाता तो उसे सूंघ कर मुठ मार लेता और खुद को शांत कर लेता.


ऐसे ही 3 महीने निकल गए.


एक दिन जब मैं सोया था, तब रात के करीब 3 बजे थे.

उसी वक्त अचानक से मेरी नींद खुली तो मुझे कुछ आवाजें सुनाई दे रही थीं.

ये आवाजें सामने वाले कमरे से आ रही थीं.

मेरे कान खड़े हो गए कि सामने तो आंटी का कमरा है और उसमें से आवाजें आ रही थीं.

मतलब उनकी चुदाई चल रही है.


यह सोचते ही मैं झट से बिस्तर से उठा और धीरे से बाहर निकल कर देखने लगा.


मैंने देखा कि आंटी के कमरे की खिड़की खुली हुई थी.

मैंने उसमें से अन्दर झांका तो मेरी आंखें खुली की खुली रह गईं.


आंटी अपने फोन में चुदाई की वीडियो देख रही थीं और नंगी होकर अपनी चूत में उंगली डाल रही थीं.

उनके मुँह से वासना भरी सिसकारियां निकल रही थीं.

आंटी पसीने से भीगी हुई थीं.


उनके बड़े बड़े मम्मों को देख कर मेरा लंड बेकाबू हो गया और पैंट में ही तन कर सलामी देने लगा.

मेरा मन भी बेकाबू हो गया और बस जी कर रहा था कि आंटी को पकड़ कर जंगली सांड की तरह चोद कर इनकी प्यास बुझा दूँ.

मैंने बड़ी मुश्किल से खुद को कंट्रोल किया और बाथरूम के अन्दर गया.


जैसे ही मैंने बाथरूम का दरवाजा खोला तो आंटी का दरवाजा खुलने की आवाज आई.


मैं बाथरूम में नंगा हुआ और लंड हिला कर झड़ गया, फिर लौड़े को साफ करके वापस आने लगा.


मैंने देखा कि अब आंटी के रूम से आने वाली आवाज बंद हो चुकी थी.

शायद आंटी झड़ गई थीं.


अगले दिन से मेरे मन में बस आंटी को चोदने का ख्याल बलवती होने लगा और मैं अब किसी भी कीमत पर आंटी को चोदना चाहता था.

एक दिन मैं अपने घर गया हुआ था.

घर से वापस आया तो मकान का मेन गेट बंद था.


मैंने मकान मालिक को फोन किया और उनसे चाभी के बारे में पूछा.

उन्होंने मुझे आंटी का नंबर दिया और उनसे पूछने को कहा.


मैंने आंटी को कॉल किया तो मुझे उस रात का सीन याद आ गया.


आंटी से मैंने बात की और चाबी के बारे में पूछा.

तो उन्होंने मुझे 30 मिनट इंतजार करने को बोला.


तीस मिनट के भीतर ही आंटी अपनी स्कूटी से आईं और उन्होंने मकान का गेट खोल दिया.

मैं अपने रूम में आ गया और आंटी का नंबर सेव करके अपने दूसरे नंबर से आंटी को वाट्सअप पर मैसेज किया.


थोड़ी देर बाद उधर से रिप्लाई आया- आप कौन हैं?

मैं- आपका शुभचिंतक हूं.


आंटी- तुम्हें मेरा नंबर कैसे मिला? तुम्हारा नाम क्या है?

मैं- मैं आपको रोज देखता हूँ, आप मुझे बहुत अच्छी लगती हैं. मैं आपसे दोस्ती करना चाहता हूं.


आंटी- मैं अनजान लोगों से बात नहीं करती हूं. आप कौन हो, पहले ये बताइए?

तब तक आंटी को किसी कॉल भी आ गया और वे बात करने लगीं.

मैं भी उठा और मार्केट में चला गया.

मार्केट से आकर मैंने खाना बनाया और फिर खाना आदि खाकर लेटा हुआ था.


उस वक्त तकरीबन 9 बजे का समय था.

मैंने आंटी को मैसेज किया और बात होने लगी.


मैं उनकी खूब तारीफ करने लगा.

धीरे धीरे कुछ दिन बात करने के बाद आंटी मेरा पिक मांगने लगीं.


मैंने कहा- पिक में क्या रखा है, सामने से ही कभी मिल लेंगे.

यूं ही आंटी से बात करते करते काफी दिन बीत चुके थे.


एक दिन मैंने आंटी से अंकल के बारे में पूछा तो वह भावुक हो गईं और अपनी किस्मत को कोसने लगीं.

मैंने उनको समझाया और बताया- आप रोओ मत, मैं हूं ना. कोई बात हो तो आप मुझसे कह सकती हैं.

वे कुछ नहीं बोलीं.

मैंने कहा- आंटी, एक बात कहूं, आप बुरा तो नहीं मानोगी ना!

आंटी ने पूछा- क्या?


तो मैंने कहा- आप बहुत हॉट लगती हो … और आप के चेहरे पर उदासी बिल्कुल अच्छी नहीं लगती है.

उन्होंने जवाब में ‘हट बदमाश.’ लिखा, तो मेरी हिम्मत और बढ़ गई.


मैंने कहा- आप इतनी हॉट हो कि आपके आगे तो पोर्न फिल्मों की हीरोइन भी फेल हैं.

आंटी ‘नॉटी.’ कह कर शांत हो गईं.


मैंने आंटी की दुखती रग पर हाथ रखते हुए पूछा कि क्या आपको मर्द की जरूरत महसूस नहीं होती?

इसी के साथ मैंने अपनी कसम देते हुए फोर्स करके जानने की कोशिश की, तो उन्होंने बताया कि होती है, बहुत होती है.

मैंने पूछा- तो आप खुद को कैसे संतुष्ट करती हैं?

उन्होंने जवाब दिया कि ऐसे ही बर्दाश्त करती हूं.


अब मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उनसे बोल दिया कि आप पोर्न देख कर उंगली क्यों करती हैं?

वह मेरी बात सुन कर चौंक गईं और मुझे वीडियो कॉल करने लगीं.


मैंने अपने फोन के कैमरे पर उंगली रखी और उन्हें बोल दिया कि मैंने सब कुछ देखा है. आप रात को पोर्न देख कर चूत में उंगली करती हैं. आप चाहो तो मैं आपको लंड का सुख दे सकता हूं और आपको कभी उंगली से कम नहीं चलाना पड़ेगा.


आंटी मेरी बात सुन कर बिल्कुल चुप हो गईं.


मैंने आंटी से फेंकते हुए कहा- उस दिन रात को जब आप उंगली कर रही थीं, तब मैंने सब कुछ देख लिया था और मैंने आपका वीडियो भी बनाया है.

आंटी चौंक गई और वाट्सअप छोड़ कर कर अपने रूम में से ही आवाज देती हुई बोलीं- आकाश, तुम इधर आना जरा!

मैं तो डर गया कि कहीं आंटी मेरी शिकायत न कर दें.

तो मैं डरते डरते बाहर गया, देखा कि आंटी पेटीकोट में बाहर आई थीं और वह मेरा फोन मांगने लगी थीं.


आंटी से बात करके पहले ही मेरा लंड खड़ा था; आंटी को देख कर वह सलामी देने लगा.


और आंटी ने मेरा लंड देख लिया था.

वे मेरा फोन छीनती हुई मुझे अपने रूम में घसीटती हुई सी ले गईं और मेरे सामने बैठ कर मेरा फोन चैक करने लगीं.


मुझसे रहा नहीं गया और मैंने आंटी को तुरंत पकड़ कर बेड पर धकेल दिया और उनके ऊपर चढ़ गया.

जब तक आंटी कुछ समझ पातीं, मैंने उनके होंठों को लॉक कर दिया और बेतहाशा चूसने लगा.


आंटी चुदासी बातों से पहले से ही गर्म थीं और किस के बाद और गर्म हो गईं.

थोड़ी ही देर बाद वे मेरा साथ देने लगीं.

कुछ देर होंठ चूसने के बाद मैंने अपना सर नीचे ब्लाउज पर लाकर उनके मम्मों को कपड़ों के ऊपर से ही मसलने और दबाने लगा.

आंटी ने कोई विरोध नहीं किया तो मैंने उनके ब्लाउज को खोल कर अलग कर दिया.


आंटी ने अन्दर काले रंग की ब्रा पहन रखी थी.

मैंने धीरे से ब्रा को नीचे किया और एक चूचे को निकाल कर मैं उसे चूसने लगा. दूसरे को हाथ से दबाने लगा.


आंटी अब मेरे सर को अपने हाथों से सहला रही थीं और लंबी लंबी सांसें ले रही थीं.


मैंने आंटी के दोनों चूचों को हाथों से मसलना और चूसना जारी रखा.

फिर सर को नीचे की ओर किस करते हुए लाने लगा.

जैसे ही मैं नाभि के पास पहुंचा, मैंने आंटी की नाभि में जीभ डाल दी और उसको चाटने और चूसने लगा.

आंटी मचलने लगीं और कामुक सिसकारियां भरने लगीं.


मैंने थोड़ी देर बाद आंटी के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और पेटीकोट को उनके शरीर से अलग कर दिया.


मैं यह देख कर हैरान रह गया कि आंटी ने पैंटी नहीं पहनी थी और उनकी चूत पर ढेर सारे बाल थे.

देर न करते हुए मैं नीचे गया और उनकी चूत पर जीभ रख कर चूत को चाटने लगा.


जैसे ही मैंने जीभ रखी, आंटी पूरी तरह से सिहर गईं और तेज तेज आवाज निकालने लगीं, सिसकारियां भरने लगीं.

ऐसा लग रहा था, जैसे इससे पहले किसी ने इनकी चूत नहीं चाटी होगी.


कुछ मिनट चूत चटवाने के बाद आंटी झड़ गईं. तब भी मैंने चूत चाटना जारी रखा.


थोड़ी देर बाद आंटी फिर से पूरी तरह गर्म हो गईं और कहने लगीं- प्लीज़ अब और मत तड़पाओ, मेरी चूत में लंड डाल दो.

आंटी की हालत देख कर मैं समझ गया कि देर करना ठीक नहीं होगा.

मैंने जल्दी से अपने बॉक्सर और बाकी सब कपड़े निकाल दिए और उन्हें दिखाते हुए अपने लंड को सहलाने लगा.


आंटी मेरे लौड़े को देख कर पागल हो गईं और कहने लगीं- इतना बड़ा मैंने आज तक नहीं देखा है … न लिया है. तुम आराम से डालना प्लीज!


मैं आंटी के ऊपर चढ़ गया और लंड को चूत पर रगड़ने लगा.


थोड़ी देर रगड़ने के बाद जब आंटी मचलने लगीं तो मैंने लंड को अन्दर डाला.


मेरा मोटा लंड अभी थोड़ा ही अन्दर गया था कि आंटी कराहने लगीं और रुकने को बोलने लगीं.

मैं थोड़ी देर रुक गया और उनके एक दूध को पीता रहा.

कुछ देर बाद आंटी की कमर हिली तो मैंने फिर से झटका मार दिया.

इस बार मैंने एक ही झटके में अपना पूरा लंड आंटी की चूत में उतार दिया.


आंटी ने मुझे जोर से अपनी बांहों में कस लिया और छटपटाने लगीं.

वे जोर जोर से सांस लेने लगीं.


मैं थोड़ी देर वैसे ही रुका रहा.

फिर धीरे धीरे चोदना शुरू किया.


अभी चोदते हुए 5 मिनट ही हुए थे कि आंटी झड़ गईं.

उनकी चूत गीली होने के वजह से लंड आसानी से अन्दर बाहर हो रहा था.

आंटी मजे से मीठी मीठी सिसकारियां निकाल रही थीं.

कुछ देर चोदने के बाद मैंने पोजिशन बदली और आंटी की एक टांग उठा कर अपने कंधे पर रख ली.


अब मैंने स्पीड बढ़ा दी और उन्हें धकापेल चोदने लगा.

आंटी के चेहरे पर संतुष्टि के भाव दिख रहे थे.


मैंने स्पीड बढ़ाई तो आंटी की सिसकारियां और तेज हो गईं और पच पच की आवाज के साथ ही उनकी ‘उह ओह आह उउम्म …’ की आवाजों से पूरा कमरा गूंज रहा था.

थोड़ी देर बाद आंटी फिर से झड़ गईं.


चुदाई को चलते काफी समय हो गया था.

मैं और आंटी पूरी तरह पसीने से तरबतर हो गए थे.


अब मैं आंटी को किस करते हुए पूरी ताकत से चोदने लगा और आंटी के होंठों को चूसने लगा.

इससे आंटी की आवाज बाहर नहीं आ पा रही थी.

अब मैं भी अपनी अपने चरम सीमा पर आ पहुंचा था.

मैं कुछ लंबे धक्के लगाते हुए आंटी की चूत में झड़ गया और मेरे साथ आंटी भी झड़ गईं.


इस घमासान इंडियन X आंटी चुदाई में काफी समय हो गया था और 11 बज चुके थे.

मैं जैसे ही चुदाई खत्म करके अपना पसीना पौंछ रहा था, तभी आंटी का फोन बजा.


आंटी ने फोन उठाया और बोलीं- मैं बहुत थक गई हूं, कल बात करेंगे.

ये कहते हुए उन्होंने फोन रख दिया.


मैंने पूछा तो आंटी ने बताया कि उनकी सहेली का फोन था.

हम दोनों आंटी के बेड पर ही सो गए.


सुबह जब मेरी नींद खुली तो आंटी मुस्कुराती हुई मुझे देख रही थीं.

उन्होंने मेरे एक गाल पर किस करते हुए ‘आई लव यू …’ बोला और ड्यूटी जाने को तैयार होने लगीं.


अगली कहानी में मैं बताऊंगा कि कैसे मैंने आंटी की गांड मारी और कैसे मैंने उनकी सहेली की भी चुदाई की.


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