चाची की चूत की हवस मिटाई होटल के कमरे में Chachi Ki Choot Ki Hawas
चाची की चूत की हवस मिटाई होटल के कमरे में
Desi Story |
देसी चूत चुदाई कहानी मेरे चाचा की तलाकशुदा बीवी की चुदाई की है. वो मेरे चाचा से तलक ले चुकी थी पर मेरे साथ जुड़ गयी थी. उसने मुझे पटा कर सेक्स का मजा लिया.
दोस्तो, आज से पहले मैं बहुत सी चूत चोद चुका हूं, पर मेरी सेक्सी चाची की चूत चोदने में मज़ा ही कुछ और था.
देसी चूत चुदाई कहानी में आगे बढ़ने से पहले आपको अपने बारे में बता देता हूं.
मेरा नाम विशाल है. मैं नारनौल, हरियाणा का रहने वाला हूं.
मेरी उम्र अभी 23 साल हुई है.
मेरे लंड का साइज काफी मस्त है. ये 7 इंच लम्बा और 2.5 इंच मोटा है.
मैंने बहुत सी लड़कियों को चोद कर खुश किया है.
अब मैं आपको अपनी सेक्सी चाची के बारे में बता देता हूँ.
चाची का नाम रेनू है, उनकी उम्र अभी 25 साल हुई है.
वो देखने में पतली सी हैं, पर उनका फिगर जबरदस्त है.
चाची का फिगर 32-28-34 का है. उनकी शादी को अभी छह महीने ही हुए थे.
मैंने जब से उन्हें देखा था, तभी से चोदना चाहता था लेकिन उनका हमारी फैमिली की होने के कारण मैं कुछ कह नहीं पाता था.
सब कुछ ठीक चल रहा था.
अचानक से न जाने क्या हुआ कि चाचा चाची में झगड़ा हुआ और चाची ने चाचा से तलाक ले लिया.
ये एक ऐसी घटना हुई थी कि हम सब एकदम से हतप्रभ थे कि ये क्या हुआ?
तलाक के बाद चाची अपने घर चली गईं.
कुछ दिन तक घर में अजीब सा माहौल रहा, फिर सब सामान्य होने लगा.
तलाक के कुछ महीनों बाद एक दिन मैं फेसबुक चला रहा था.
उसी वक्त फेसबुक पर चाची का मैसेज आया.
मैंने उनसे औपचारिक बात की और फेसबुक बंद करके कुछ सोचने लगा.
मेरे दिमाग में बस यही चल रहा था कि ये मुझसे क्यों बात कर रही हैं.
फिर फेसबुक पर अक्सर हमारी बातें होने लग गईं.
एक दिन उन्होंने पूछा- विशाल तेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है?
मैंने कहा- नहीं चाची, मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.
वो हंस कर बोलीं- तू मुझे अभी भी चाची ही क्यों बोल रहा है?
मैंने कहा- मैं नहीं जानता हूँ कि मुझे आपसे क्या कहना चाहिए?
चाची ने कहा- रेनू कह कर भी बुला सकता है.
मैंने कहा- मैं आपको नाम से कैसे बुला सकता हूँ.
ऐसे ही हमारे बीच बातें चलती रहीं. रेनू चाची मुझसे हमेशा गर्लफ्रेंड की बात करती रहती थीं. मैं समझ नहीं पाता था कि वो मुझसे ये सब बातें क्यों करती हैं.
एक दिन मैं अन्तर्वासना की सेक्स कहानी पढ़ रहा था उसमें मुझे एक सेक्स कहानी चाची और भतीजे के बीच चुदाई को लेकर पढ़ने को मिली.
उसी दिन मेरे दिमाग में चाची को चोदने का ख्याल आ गया.
मैंने फेसबुक खोली और चाची को हैलो लिखा.
वो उस वक्त ऑनलाइन नहीं थीं मगर जैसे ही उनके मोबाइल पर मेरे मैसेज का नोटिफिकेशन गया होगा, उन्होंने तुरंत मुझे हाय लिख कर जवाब भेज दिया.
मैंने उनसे कहा- क्या मैं आपसे बात कर सकता हूँ. मेरा मतलब क्या आप अभी फ्री हैं.
उन्होंने हंस कर जवाब दिया- हां, मैं तेरे लिए तो हमेशा ही फ्री हूँ.
मैंने कहा- ऐसा क्या है मुझमें जो आप मेरे लिए हर वक्त फ्री हैं?
चाची ने हंस कर जवाब दिया- तेरी गर्लफ्रेंड नहीं है न, तो मुझे लगता है कि तुझसे बात जरूर करनी चाहिए.
मैंने कहा- वो क्यों?
वो हंसी और बोलीं- वो छोड़, तेरी समझ में नहीं आएगा.
मैंने कहा- मेरी समझ में तो अब तक ये भी नहीं आया है कि आपने चाचा से तलाक क्यों लिया है.
वो मेरी बात पर शायद चुप हो गई थीं इसीलिए उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया.
मैंने लिखा- क्या आपको मेरी बात बुरी लगी. ऐसा ऐसा है तो मुझे माफ़ कर दीजिये.
चाची ने लिखा- नहीं तुम माफ़ी क्यों मांग रहे हो. दरअसल मैं सोच रही थी कि तुमको कैसे कहूँ कि मैंने तलाक क्यों लिया है.
मैंने कहा- यदि आप मुझे गैर समझती हैं तो बेशक नहीं बताएं.
वो बोलीं- विशाल एक तुम ही तो हो, जिससे मैं इतनी बात कर लेती हूँ. मैं तुम्हें सब बता दूंगी. मुझे सच बताने में कोई गुरेज नहीं है.
मैंने कहा- मुझे भी आपकी बात सुनने का इन्तजार रहेगा.
चाची ने लिखा- विशाल वो सब मैं तुमको जरूर बताऊंगी और साथ ही तुमको भी मुझे वो बताना पड़ेगा कि तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड क्यों नहीं है.
मैंने हंस कर लिखा- आप घूम फिर कर मेरी गर्ल फ्रेंड की बात पर आ गई हो.
वो बोलीं- जो बात तुम मुझसे जानना चाहते हो, उसका तुम्हारी गर्लफ्रेंड के न होने से जुड़ा हुआ ही है.
मैं ये बात सुनकर चौंक गया कि चाची के तलाक का मामला मेरी गर्लफ्रेंड के होने या न होने से कैसे जुड़ा है.
मैंने कहा- इस बात का मतलब मेरी गर्लफ्रेंड के होने या न होने से कैसे जुड़ा है चाची?
वो बोलीं- बस जुड़ा है … अब तुम मुझे ये बताओ कि तुम्हारी गर्लफ्रेंड क्यों नहीं है?
मैंने कहा- क्या मैं आपसे साफ़ साफ़ कह सकता हूँ?
चाची बोलीं- हां तुम मुझे अपना दोस्त समझ कर सब कुछ साफ साफ़ कह सकते हो.
मैंने कहा- दरअसल मैं किसी एक लड़की के खूंटे से बंधा नहीं रह सकता हूँ. मुझे बदल बदल कर लड़कियों के साथ सेक्स करना अच्छा लगता है.
चाची मेरी बात सुनकर एकदम से बोलीं- ये क्या कह रहे हो तुम?
मैंने कहा- मैं इसीलिए तो आपको बता नहीं रहा था कि आपको मेरी बात बुरी लगेगी.
वो हंस कर बोलीं- इसमें बुरी लगने वाली क्या बात है. मुझे तुम्हारी बात सुनकर जरा भी बुरा नहीं लगा … बल्कि अच्छा लगा है.
मैं खुश हुआ कि चाची को मेरी इस बात से बुरा नहीं लगा.
अब मैंने चाची से पूछा- अब आप बताओ कि आपने चाचा से तलाक क्यों लिया है?
चाची बोलीं- तुम्हारे चाचा नामर्द हैं.
मैं उनकी बात सुनकर एक बार फिर से चौंका और सोचने लगा कि चाचा नामर्द हैं और चाची मुझे ये बात इसलिए नहीं बता रही थीं कि मैं उन्हें अपनी गर्लफ्रेंड न होने का कारण नहीं बता रहा था. इसका मतलब क्या ये हुआ कि चाची मुझे भी नामर्द ही समझ रही थीं.
अब चाची को अब ये मालूम हो गया है कि मैं बदल बदल कर लड़कियां चोदता हूँ तो क्या इसका मतलब ये नहीं हुआ कि वो मेरे साथ मजा लेना चाहती हैं.
ये बातें मेरे दिमाग में आते ही मैंने चाची से साफ़ शब्दों में बात करना उचित समझा.
मैंने लिखा- चाची, क्या आप मुझसे मिलना पसंद करेंगी.
उनका तुरंत जवाब आया- तुम एक मर्द होने के साथ साथ होशियार लड़के भी हो.
बस ये लिख कर चाची ने एक आंख मारने वाली इमोजी भी भेज दी.
मैं समझ गया कि चाची की चूत लंड मांग रही है.
अब हम दोनों अपनी बातों में एक अलग रस घोलने लगे थे.
मैं चाची के साथ फ्लर्टी होने लगा था और अपनी हॉट फोटो चाची को भेजने लगा था.
चाची भी मुझे अपनी सेक्सी फोटो भेजने लगी थीं.
ऐसे ही एक दिन उन्होंने मुझे प्रपोज कर दिया.
मैं तो पहले से ही इसी ताक में था कि आगे से कुछ हरी झंडी मिले तो खेल आगे बढ़ाया जाए.
मैंने झट से हां कर दी और हम दोनों चाची भतीजे से लव वर्ड बन गए.
हमारे बीच मीठी मीठी बातें होने लगीं.
कुछ महीने बीत जाने के बाद बात सेक्सी चैट होने लगी.
एक दिन वो बोलीं- विशाल मैं अपने पति से खुश नहीं थी. वो मेरी सेक्स की जरूरत पूरी नहीं कर पाता था. अब मुझे सेक्स चाहिए.
मैंने कहा- चलो आज मिल लो … फिर हम दोनों सेक्स कर लेंगे.
वो बोलीं- हां मिल तो लूंगी, पर वो सब तुम मेरे मूड पर छोड़ देना.
मैंने ओके कह दिया.
हम मिले भी तो हमारे बीच सिर्फ किस वगैरह हुई.
इससे ज्यादा नहीं कुछ भी हुआ.
मैंने समझ लिया कि चाची हर तरह से संतुष्ट हो जाने के बाद ही मेरे सामने नंगी होना चाहती हैं.
इसी तरह से कुछ महीने और बीत जाने के बाद हम दोनों ने किसी कमरे में मिलने का प्लान बनाया.
तो मैंने एक होटल में रूम बुक करवा लिया.
उस दिन मेरे मन में सेक्स करने का विचार बन गया था.
मुझे चाची को भी ठीक से खुश करना था.
मैंने उन्हें बस स्टैंड से बाइक पर बिठाया और होटल के रूम में आ गया.
वहां पर जाते ही हम दोनों आपस में गले मिले.
कुछ मिनट गले लगे रहे, फिर बैठ कर बातें करने लगे.
इसी बीच मैंने उनके होंठों को चूमना शुरू कर दिया, जिसमें वो भी मेरा साथ देने लगीं.
चाची के होंठों को चूमते चूमते मैंने उनके मम्मों को दबाना भी शुरू कर दिया.
बीच बीच में मैं उनकी गर्दन पर भी किस कर लेता, जिससे वो गर्म होने लगी थीं.
मैंने धीरे से उनकी सलवार को खोल दिया, परंतु उन्होंने कुछ नहीं कहा.
इससे मुझे लगा कि सेक्स करने की इच्छा इनके मन में भी है.
इस बात का फायदा लेकर मैंने उनकी चूत पर हाथ फेरना शुरू कर दिया.
उनकी चूत बिल्कुल साफ थी, ऐसा लग रहा था कि आज वो चुदवाने का इरादा करके ही आई हैं.
मैं धीरे धीरे हाथ चलाने लगा.
मैंने उंगली उनकी चूत में दे दी, जिससे वो सिसकारियां भरने लगीं ‘आह … इस्स … उह …’
मादक आवाजें कमरे को गर्म करने लगीं.
मैंने धीरे धीरे उनके सारे कपड़े निकाल दिए.
वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में रह गई थीं.
रेनू चाची ब्रा पैंटी में अप्सरा लग रही थीं.
मैं उन्हें देखता रह गया.
वो बोलीं- देखना ही है या कुछ करना भी है?
मैंने बोला- खुद ही कर लो.
उन्होंने झटके से मेरे सारे कपड़े निकाल दिए.
मैं बिल्कुल नंगा हो गया.
वो मेरे लंड को हिलाने लगीं.
तो मैंने उन्हें लंड मुँह में लेने के लिए कहा.
वो मना करने लगीं.
थोड़ी देर नानुकर करने के बाद चाची ने लंड मुँह में ले लिया.
मैं आंखें बंद करके मजा लेने लगा.
मैंने उनके बचे हुए कपड़े भी उतार फेंके, अब वो बिल्कुल नंगी हो गई थी.
हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.
उनकी चूत बिल्कुल साफ और गुलाबी रंग की थी.
मैं उनकी चूत को जीभ से चोद रहा था.
वो कामुक सिसकारियां ले रही थीं.
उनकी सांसें गर्म हो रही थीं.
वो बोलने लगीं- बस अब चोद दो मुझे … डाल दो लंड अन्दर, अब सब्र नहीं हो रहा मेरे से … जल्दी लंड पेलो.
मैंने लंड मुँह से निकाल कर उनकी Xxx चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया, जिससे वो तड़फने लगीं.
वो गांड उठाती हुई बोलीं- जल्दी डालो न!
मैंने उनकी चूत पर लंड सैट किया और हल्का सा दवाब दे दिया, जिससे आधा लंड चला गया.
वो चिल्लाने लगीं और बोलीं- आह रुक जाओ … बाहर निकालो इसे … मुझे बेहद दर्द हो रहा है.
उनके मुँह से ‘उई मां … मर गई बहुत बड़ा लंड है … निकालो इसे आह … उह …
मैंने थोड़ा रुक कर उनके होंठों को चूमना शुरू कर दिया और बूब्स दबाने लगा.
इससे उन्हें थोड़ा आराम मिला.
थोड़ी देर बाद मैंने एक जोर का झटका दे दिया और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया.
वो दर्द से छटपटाने लगीं और रोने लगीं. वो मुझसे खुद को छुड़वाने की कोशिश करने लगीं.
परंतु मैंने उन्हें कसके जकड़ रखा था, जिसकी वजह से वो छूट नहीं पाईं.
वो जोर जोर से चिल्लाने लगीं.
मैंने उनके होंठों को अपने होंठों से लॉक कर दिया.
अब उनकी आवाज दब कर रह गई.
मैं धीरे धीरे लंड को चूत के अन्दर बाहर करने लगा.
उनकी चूत से लग नहीं रहा था कि ये पहले भी चोदी गई है, बिल्कुल कसी हुई चूत थी.
थोड़ा आराम मिलने के बाद मैंने झटके लगाने शुरू कर दिए.
अब वो अपनी गांड उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थीं.
पूरे कमरे में उनकी मादक आवाज आ रही थी ‘ऊंह … आह … और तेज … और तेज …’
हमारी चुदाई की आवाजें पट पट हो रही थीं
वो जितना जोर से बोलतीं, मैं उतना तेज उन्हें चोदता.
इस तरह से हमारी चुदाई बीस मिनट तक चली जिसमें मेरे लंड ने चाची की चूत का भोसड़ा बना दिया.
इस चुदाई में वो दो बार झड़ चुकी थीं.
मेरा आने को हुआ तो मैंने पूछा- कहां निकालूँ?
वो बोलीं- अन्दर ही आने दो, मैं सब देख लूंगी.
मैंने 3-4 झटकों के बाद वीर्य उनकी चूत में ही छोड़ दिया.
मैं थक कर उनके ऊपर ही लेट गया.
फिर मैंने लंड निकाल कर उनके मुँह में दे दिया.
उन्होंने चूस कर लंड को साफ कर दिया.
चाची ने चुदने के बाद बताया कि उसकी बहुत दिनों से मुझसे चूत चुदवाने की कामना मन में थी, जो आज पूरी हो गई.
इस तरह मैंने चाची की हवस को शांत किया.
उसके बाद मैंने एक बार और चाची की चूत चोदी और एक बार गांड भी मारने की कोशिश की, जो उस समय तो सफल नहीं हुई.
पर अगली बार मैंने पूरी तैयारी के साथ चाची की गांड चुदाई का भी मजा लिया.
उस दिन चाची को दो बार चोदने के बाद मैं अलग हुआ और वो उठने को हुईं, तो उनसे चला भी नहीं जा रहा था.
मैं उन्हें गोदी में उठा कर बाथरूम में ले गया और उन्हें नहलाया.
फिर उनको एक दर्द की गोली लाकर दी, जिससे उनके दर्द में कुछ आराम हुआ.
उन्होंने बताया कि शादी के बाद आज पहली बार असली चुदाई का सुख मिला है.
इसके बाद एक बार और मिलने के बाद हम बाद में नहीं मिले
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