पड़ोसन आंटी की चूत की यादगार चुदाई
पड़ोसन आंटी की चूत की यादगार चुदाई Padosan Anty Ki YaadGaar Chudai
Desi Story |
दोस्तो, मेरा नाम करण है, मैं राजस्थान के जयपुर में रहता हूँ.
मेरी हाइट 6 फ़ीट है, एकदम फेयर स्किन और व्यक्तित्व आकर्षक है. शिक्षित और सभ्य हूँ, तो जानकार महिलाएं अक्सर मुझे पसंद करने लगती हैं.
हालांकि इस साइट पर मैं नया लेखक हूँ लेकिन यकीन मानिए सेक्स में कच्चा खिलाड़ी नहीं हूँ.
यह मेरी पहली सेक्स स्टोरी है. Xxx आंटी की चूत को लेकर अपना शुरूआती अनुभव आज यहां आपसे शेयर कर रहा हूँ.
उम्मीद है, आप लोगों को पसंद आएगा.
यह बात तीन साल पहले 2019 की सर्दियों की है.
तब मेरी उम्र 22 साल थी.
मेरे पड़ोस के खाली पड़े मकान में तब एक पति-पत्नी किराये से रहने आए थे.
हमारी नई पड़ोसन कोमल आंटी तभी मुझे बहुत पसंद आ गई थीं.
मोटे मम्मों और फैली हुई गांड की औरतें हमेशा से ही मुझे पसंद आती हैं.
ऊपर से आंटी उम्र की महिला जब आपसे हर तरह की साथ बातें करने लगे, तो उसका अलग ही मज़ा होता है.
मेरी नई पड़ोसन कोमल आंटी भी ऐसी ही थीं.
आंटी की उम्र करीब 37-38 साल होगी मगर लगती वो 30 से कम की थीं.
सांवली कसी हुई स्किन और कोमल आंटी का 40-34-42 का दमदार सेक्सी फिगर था.
बाहर निकलने को मचलती उनकी गांड को देख कर मेरा लंड तो दूर से ही सलामी देता था. उनके मम्मे भी अक्सर उनके कुर्ते से बाहर आने को बेकरार लगते थे.
सन् 2019 की उन सर्दियों में मैं हर दिन सुबह-सुबह पास ही के पार्क में रनिंग के लिए जाता था.
मॉर्निंग एक्सरसाइज और रनिंग मैं शुरू से ही करता था मगर मुझे नहीं पता था कि कोमल आंटी को भी मॉर्निंग वॉक पसंद है.
अक्सर जब मैं अपनी रनिंग पूरी कर घर लौटता, तब आंटी मुझे अपने घर की बाल्कनी में खड़ी मिलतीं.
मुझे ऐसा लगता कि जैसे वो मुझे देखने के लिए ही बाल्कनी में खड़ी हैं.
मैं भी उन्हें निहारता हुआ अपने घर में दाखिल हो जाता.
एक दिन मेरी नींद कुछ जल्दी खुल गई तो टाइम से पहले ही मैं अपनी एक्सरसाइज के लिए निकल गया.
पार्क में रनिंग करते वक़्त मैंने देखा कि आंटी भी वहीं पार्क में वॉक कर रही हैं.
इतनी सुबह आंटी को एक्सरसाइज सूट में देखकर मेरा मन हिलोरें मारने लगा था.
मेरी खासियत रही है कि मैंने बोलने में कभी किसी से बेवजह शर्म नहीं की.
रनिंग करता हुआ मैं आंटी के पास गया तो मुझे देखकर आंटी मुस्कुरा दीं.
मैंने हाल-चाल और मॉर्निंग वॉक के बारे में पूछा तो बताया कि वो रोजाना सुबह इसी वक़्त सैर के लिए निकलती हैं.
आंटी ने यह भी बताया कि उन्होंने मुझे कई बार एक्सरसाइज करते देखा है.
मेरे लिए यह नई बात थी क्योंकि सुबह जल्दी के अंधेरे में मैंने तो उन्हें पहली बार ही देखा था.
तब बात करते हुए मैंने आंटी से उनका फ़ोन नंबर मांग लिया और बिना हिचकिचाए आंटी ने भी अपना नंबर मुझसे शेयर कर दिया.
मैंने भी अपना नंबर उनके पास चला जाए इसलिए सेव करने के बहाने उन्हें मिस्ड कॉल मार दी.
अगली सुबह से मैं फिर अपने टाइम पर ही एक्सरसाइज के लिए निकलने लगा.
दो दिन बाद रात में आंटी का मैसेज मेरे पास आया.
उन्होंने सुबह जल्दी उठकर एक्सरसाइज के लिए चलने को कहा.
मैंने भी हामी भर दी.
अगली सुबह थोड़ा जल्दी जब मैं पार्क पहुंचा, तो वहां आंटी पहले से वॉक कर रही थीं.
मुझे देखकर वो मुस्कुराईं और एक्सरसाइज छोड़ कर मुझसे बातें करने लगीं.
बातों ही बातों में उन्होंने कहा कि करण तुम्हारी एथलेटिक बॉडी काफ़ी अट्रैक्टिव है और अक्सर जब तुम एक्सरसाइज कर घर लौटते हो, तब मैं तुम्हें देखती हूँ क्योंकि उस वक़्त तुम बड़े अच्छे लगते हो.
कोमल आंटी ने मेरे फेस कट और रनिंग स्टैमिना की भी तारीफ़ की.
मैंने भी उन्हें थैंक्स कहा और मैं भी उनके फिगर की तारीफ़ करने लगा.
अच्छी-खासी सर्दी की उस सुबह मैं और आंटी पार्क में बैठकर जो बातें कर रहे थे, उन बातों की गर्मी के अहसास से ही मेरा लंड खड़ा कड़क हो चुका था.
आंटी को ये असहज न लगे, ये सोचकर हाथों से मैं उसे सैट करने लगा, तो उनकी नज़र पड़ गई और वो मुस्कुरा दीं.
उन्होंने मुझे शाम को घर पर डिनर पर आने का न्यौता दिया और अपनी वॉक पूरी करके आंटी घर चली गईं.
उस शाम के 7 बजे मेरे फोन पर आंटी का मैसेज आया.
उसमें लिखा था- आज खाना साथ खाएंगे, कब आ रहे हो, घर पर मैं ही अकेली हूँ.
अगले मैसेज में आंटी ने लिखा- चाहो तो छत से भी आ सकते हो.
आंटी और मेरे घर की छत मिलती थी और रात को मेरा उनके घर पर जाना किसी की नज़रों में न आए शायद इसलिए उन्होंने ऐसा कहा.
मैं भी रात को 8 बजे दोस्त की पार्टी में जाने और सुबह घर लौटने की बात कहकर घर से निकल गया.
घर से ही मैंने आंटी को मेनगेट खुला रखने का मैसेज कर दिया था.
आंटी के घर के अन्दर एंट्री करके दरवाजा बंद किया और भीतर गया तो आंटी को देखता ही रह गया.
काले रंग की लम्बी नाइटी में आंटी क़यामत लग रही थीं.
बाल खुले हुए थे, जिस तरह उनके चलने पर ही उनके मम्मे उछाल मार रहे थे और गांड बाहर को डोल रही थी.
मुझे लग गया था कि आंटी ने आज अन्दर कुछ नहीं पहना है.
हमेशा की तरह मुस्कुराकर आंटी ने मुझे हॉल में बैठने को कहा और किचन से पालक पनीर की सब्जी और पूरियां ले आईं.
मगर मेरी नज़र पनीर से लज़ीज़ आंटी के जिस्म पर थी.
खाना खाने के बाद हम दोनों साथ बैठकर बातचीत करने लगे.
आंटी ने मुझसे गर्लफ्रेंड होने के बारे में पूछा तो मैंने यूँ ही मना कर दिया.
बातों ही बातों में आंटी ने बताया कि 2 दिन के लिए उनके पति काम से बाहर गए हैं और वो इन दिनों का मज़ा लेना चाहती हैं.
मैं कुछ समझता, इससे पहले ही आंटी ने कहा कि वो अपने पति से नाखुश हैं.
एक तीव्र इच्छा के साथ मेरी तरफ़ देखती हुई थोड़ा मायूस होकर आंटी बोलीं- करण, मुझे लाइफ़ में कभी सेक्स का चरम सुख नहीं मिला. बच्चा तो मैं भी नहीं चाहती थी मग़र कभी मन भरकर चुदाई तक नहीं करवा पाई.
आंटी जितना खुलकर मुझसे बात कर सकती थीं, कर रही थीं.
मेरी ओर उम्मीद भरी नज़रें करके उस वक़्त उन्होंने मुझे बहुत कुछ बता दिया था.
तभी आंटी अपने मोहक चेहरे को मेरे और करीब ले आईं और पास खिसकती हुई मेरी जांघ पर हाथ रख दिया.
मैंने भी बिना देर किए अपना एक हाथ आंटी के सर के पीछे लिया और एक उनकी पीठ पर ले जाकर अपने होंठ आंटी के होंठों से लगा दिए.
सेक्स को लेकर मैं आंटी की अधूरी रही अब तक की हर चाह मिटा देना चाहता था.
मेरा मन था कि इतनी सुन्दर आंटी को इतना प्यार दूँ कि इनकी फिर कोई तड़प शेष न रहे.
जिस सोफे पर अब तक हम बैठे थे, उस पर मैंने आंटी को लेटा दिया और मैं उनके ऊपर चढ़ गया.
आंटी के रसीले होंठों को मैं अपने होंठों से चूसता रहा. आंटी भी मेरा भरपूर साथ देने लगीं.
कोमल आंटी और मैं एक दूसरे के चेहरे को अपने-अपने होंठों से सहलाने लगे.
इसी बीच आंटी ने मेरी टी-शर्ट खोल दी.
मैं आंटी पर लेटा उन्हें मदमस्त किए जा रहा था. चट्टान से कठोर हो चुके मेरे लंड की मोटाई बीच में कपड़ों के होते हुए भी आंटी की चूत से घिसकर उन्हें बैचन कर रही थी.
आंटी की बढ़ती हुई सिरहन मुझे पागल कर रही थी.
आह भरते हुए आंटी ने मुझे अपने बेडरूम में चलने को कहा.
मैं खड़ा हुआ, तो आंटी मेरा हाथ पकड़कर जल्दी से बेडरूम में ले गईं.
बेडरूम में आते ही आंटी ने अपनी नाईटी को ऊपर करके निकाल दिया.
मेरा अनुमान सही था, आंटी ने ना ब्रा पहनी थी, न ही नीचे कोई शॉर्ट्स.
कपड़े के नाम पर अब उनकी पैंटी ही बची थी.
मुझसे चिपकने को आतुर आंटी को मैंने बेड पर पटका और फिर से उनके ऊपर चढ़ गया.
आंटी के गोल, चिकने बड़े मम्मों में अपना चेहरा दिए मैं मस्त होकर उनका स्वाद ले रहा था.
और आंटी भी मेरे बालों में अपनी उंगलियां फिराने लगीं.
मैं उनके सारे शरीर को चूमे जा रहा था, होंठ, गर्दन, चेहरा, दूधारू मम्मे, पेट, कांपती नाभि और सब कुछ.
कुछ देर बाद आंटी पलट कर मेरे ऊपर आ गईं और अपने होंठों को सीधे मेरे लंड से टिका दिया.
मैंने भी अपना पायजामा उतार दिया. आंटी ने मेरे मज़बूत लंड को अपने मुँह में भर लिया.
मन भरकर आंटी मेरे लंड को चूसती रहीं.
साफ़ लग रहा था, जैसे पहली बार उन्हें ऐसा लंड चूसने का मौक़ा मिला हो.
मैं उनके पति को धिक्कारते हुए अपनी आंटी को लंड का पूरा स्वाद दिए जा रहा था.
चूस-चूस कर उन्होंने मेरे लंड को गर्म कर दिया और मेरे लंड ने आंटी के मुँह में ही अपना रस छोड़ दिया.
प्यासी कोमल आंटी मेरा सारा माल अपने गोल होंठों पर लगाए हुए बार बार अपनी जीभ चला रही थीं.
उन्होंने पहली दफ़ा इस तरह का वीर्य पान किया था और अपने इस अनुभव से वो बेहद खुश दिखाई दे रही थीं.
अब आंटी भी मेरे पास में ही सीधी लेट गईं.
मैं उठकर Xxx आंटी की चूत चाटने लगा.
आंटी की जवान चूत पर गोल-गोल घूमती मेरी जीभ उन्हें उत्तेजित किए जा रही थी.
कोई 10 मिनट आंटी की चूत चाटने के दौरान ही मेरा लंड फिर से कड़क हो उठा था और आंटी की चूत पानी छोड़ चुकी थी.
कोमल आंटी की भावनाओं का सम्मान करते हुए और अपने काम को अंजाम पर पहुंचाने की चाह के साथ ही मैंने अपना लंड उनकी चूत से सटा दिया.
लंड का अगला सिरा आंटी की गद्दीदार चूत के थोड़ा अन्दर करते हुए मैंने एक झटका मारा तो आंटी चिल्ला पड़ीं.
पाठकगण इस समय का अहसास करें, आंटी बेड पर सीधे हाथ ऊपर किए लेटी थीं.
आंटी के हाथों को पकड़े मैं अपना लंड उनकी चूत में अन्दर बाहर किए जा रहा था.
लगातार अपनी सिसकारियों से कोमल आंटी ने बेडरूम को सेक्सरूम बना दिया था.
लेटी हुई आंटी बीच-बीच में हल्का-हल्का उछल रही थीं.
उनका जितना वश चल रहा था, उतनी गहराई तक वो मेरा लंड लिए जा रही थीं.
कोमल आंटी की कोमल चूत को चोदते वक़्त मैं तो मानो सुख के उत्कर्ष पर था.
आंटी लगातार ‘आह … ऊह … सी … सीह उफ़.’ की आवाज़ें निकाले जा रही थीं और मैं चुदाई की रफ़्तार बढ़ाए जा रहा था.
दूसरा तरीक़ा आजमाने के लिए अब मैं आंटी के ऊपर से हटकर बगल में लेट गया और उन्हें ऊपर आने को कहा.
आंटी मेरे खड़े लंड पर बैठ गईं और धीरे-धीरे उछलने लगीं.
मैं अपने दोनों हाथों से आंटी की कमर पकड़े हुए था और उन्हें मेरे लंड पर ऊपर-नीचे सवारी करने में मदद कर रहा था.
मेरे सीने पर हाथ रखकर लंड अपनी चूत में समाहित करती हुई आंटी मुझे किस किए जा रही थीं.
जब लगा कि आंटी थक गई हैं तो मैंने फिर से उन्हें नीचे लेटा दिया और ऊपर चढ़ तेज रफ़्तार के साथ लंड, उनकी चूत के अन्दर-बाहर करने लगा.
अपने हाथों से मेरे कंधे पकड़कर आंटी मुझे अपनी ओर खींचने लगीं.
वो कह रही थीं- वाह करण, ज़िन्दगी में आज पहली बार ऐसी फीलिंग आई है, पहली बार मेरी प्यास बुझी है.
अपने होंठों से मेरे होंठ चूसकर मानो वो मेरा शुक्रिया अदा करना चाह रही थीं.
मैं भी हाथों से उनके बैलून जैसे मम्मों को दबाकर उन्हें हौसला दिए जा रहा था.
तेज रफ़्तार चुदाई जब चरम पर पहुंची तो मैंने ऐन वक़्त पर तुरंत लंड बाहर कर लिया.
मैं आंटी की मखमली चूत के ऊपर अपना सारा माल छोड़ चुका था.
आंटी भी तब पूरी तरह झड़ चुकी थीं.
सब कुछ भूल एक-दूसरे को बांहों में भरकर हम दोनों लेटे रहे और तब कुछ ही देर में हम दोनों को नींद भी आ चुकी थी.
बाहर सर्दी की उस रात में बिना कम्बल के हम आपसी गर्मी और रगड़ से गर्म हुए जा रहे थे.
रात करीब 3 बजे हमारी आंख खुली तो अपने अपने शरीर को साफ़ करके एक रज़ाई लेकर हम दोनों फिर से लिपटकर सो गए.
सुबह 7 बजे हम दोनों उठे, मन भरकर एक-दूसरे को किस किया.
फिर मैं उठकर अपने घर चला गया.
चूंकि रात में हैवी एक्सरसाइज हो चुकी थी, इसलिए उस सुबह रनिंग के लिए भी नहीं गया.
इसके बाद 6 महीने तक मैंने और कोमल आंटी ने कई बार सेक्स किया; हर बार मैंने उनकी तृष्णा बुझाई तो उन्होंने भी मेरी इच्छा पूरी की.
साल 2020 के अगस्त माह में उनके पति का ट्रांसफर जयपुर से बाहर हो गया, तब वो दोनों चले गए.
सच कहूं तो इसके बाद हमारा कभी मिलना नहीं हुआ.
मेरा पहला यादगार सेक्स कोमल आंटी के साथ था.
आंटी मुझे बहुत कुछ सिखा गई थीं.
इसके बाद मैंने कई चूत चोदी हैं.
अगली चुदाई की कहानी को लिखकर मैं आपके साथ शेयर करूँगा.
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