गाँव वाली आंटी के साथ 69 का मजा Anty Ke Saat 69 Ka Maza

 गाँव वाली आंटी के साथ 69 का मजा Anty Ke Saat 69 Ka Maza

Desi Story
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नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम श्री भाकरे है. मैं महाराष्ट्र राज्य के लातूर जिले के छोटे गांव से हूँ.

मेरी उम्र अभी 19 साल की है. मेरे लंड का साइज 6.5 इंच है.


मैं लातूर शहर के एक कॉलेज में स्नातक के पहले साल का छात्र हूँ.

वैसे तो मेरी कोई जीएफ नहीं है, लेकिन उसका अफसोस मुझे आज तक नहीं हुआ, वह कैसे … ये आपको मेरी सेक्स कहानी से पता चल जाएगा.


यह पोर्न आंटी Xxx कहानी कुछ समय पुरानी है. जब मेरी पढ़ाई के अंतिम दो महीने बचे थे.

छुट्टी होने के कारण मैं गांव आ गया था.

उस वक्त मैं बहुत ज्यादा सेक्स कहानियां पढ़ता था.

इसी वजह से मेरी सेक्स करने की ख्वाहिश भी बढ़ती जा रही थी और जवानी का जोश उफान मार रहा था … वह अलग से!


उस दिन दोपहर में मैं ऐसे ही घर में अकेला था, तो अपने फोन पर अन्तर्वासना की सेक्स कहानी पढ़ रहा था.

तभी दादा जी का फोन आया.


मैंने फोन उठाया तो वे बोले- जल्दी से अपनी आंटी के घर चला जा और उन्हें बता दे कि अंकल ने उनके बेटे को खेत में बुलाया है.


उस वक्त मैं एक लोअर पहने हुए था.

मैं सोचने लगा कि क्या आंटी के पास ऐसे ही चला जाऊं.

मेरी नजर उन चाची पर हमेशा से थी लेकिन मैं जरा शर्मीला हूँ तो कभी कुछ कह नहीं पाया और ऐसे ही अपनी जवानी की आग को भड़काता गया.


उनके घर पर गया तो उधर सिर्फ आंटी ही थीं.

उसी समय पता नहीं मुझे क्या हुआ कि मैंने घर का दरवाजा बंद कर दिया और उनके कमरे में आ गया.


उनको कमरे में अकेला लेटा देख कर मैंने लाईट बंद कर दी.

वे बेड पर लेटी हुई थीं और सो रही थीं.


मेरा मन हुआ कि मैं उनके ऊपर टूट पड़ूँ.

लेकिन मेरे उन पर टूट पड़ने से पहले ही वे उठ गईं और मुझे देख कर बोलीं- क्या कर रहे हो?

मैं डर गया और मैंने कहा कि मुझे चक्कर आ गया था इसलिए इधर बैठ गया.


लेकिन उन्हें मुझ पर शक हो गया.

वे उधर से उठीं और दरवाजा खोल कर दूसरे कमरे में चली गईं.


मैं डर के मारे उधर से चला आया.

मुझे डर था कि वे किसी को इस बारे में कुछ और ना बता ना दें.


मैं इतना ज्यादा डर गया था कि मेरी दिल की धड़कन जोर जोर से धड़कने लगी थी.

थोड़ी देर बाद मैं खेत लिए जाने के लिए घर से निकला तो उनके घर में झांकता हुआ गया.

मैंने देखा कि अंकल घर पर आ गए थे.


अंकल के हाव-भाव से पता चल रहा था कि उनको अभी इस बारे कुछ नहीं पता है.

मतलब मेरी शिकायत नहीं की गई है.


इसलिए मैं अब पहले से कुछ अच्छा महसूस कर रहा था.


उसके कुछ दिन बाद मैं वापस शहर चला गया.

इस बात को 6 महीने बीत गए थे.

मैं कुछ दिनों के लिए गांव आया था.

आंटी के साथ हुए वे सारी बातें अभी भी मेरे दिमाग में चल रही थीं.

उस दिन की अपनी हरकत की वजह से मैं काफी डर सा गया था.


गांव आकर मैं सामान्य जीवन बिताने लगा.


एक दिन आंटी का बड़ा बेटा मेरे पास आया.

वह मुझे अपने साथ ले गया.


उधर जाकर मुझे पता चला कि उन्होंने नया स्मार्ट टीवी लिया था तो वह मुझसे अपना फोन उस टीवी से कनेक्ट करने के लिए कहने लगा.

मैंने अपने फोन को कनेक्ट कर दिया और नेट से कुछ गाने देखने लगा.

मुझे बड़ी स्क्रीन पर डांस देख कर बहुत अच्छा लगा.

अब मैं रोज वहां जाकर टीवी देखने लगा था.


मैं आपको आंटी के बारे मैं बताना भूल ही गया.

उनका नाम सरिता है.

आंटी एक 32 साल की एक नंबर की कड़क माल है. उनका 5 फुट का मसालेदार बदन है.

मुझे उनके फिगर की साइज के बारे में तो पता नहीं है लेकिन उनकी कड़क गांड ऐसी मस्त थी कि उसे देख कर सेक्स के देवता भी अपना लंड पकड़ लें.


आंटी दो बेटों की मां तो हैं मगर वे इतनी उम्र की लगती नहीं!

उस समय उनका बड़ा बेटा 9 वीं में था और छोटा बेटा 5 वीं में था.

एक दिन मैं उनके घर टीवी देखने गया.

उस दिन वहां मेरे और आंटी के अलावा कोई नहीं था.


वे बोलीं- तू जा, जाकर टीवी देख. मैं अपना काम कर लेती हूँ.

मैं भी जाकर आराम से टीवी देखने लगा.


लेकिन मुझे क्या पता था कि आज का दिन मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा दिन है.


मैंने टीवी फोन से कनेक्ट कर दी और नेट पर फिल्म देखने की कोशिश करने लगा.


नेट की रेंज उधर नहीं आ रही थी तो मैंने फोन दूसरे कमरे में रख दिया और मूवी देखने लगा.

मैंने आधी मूवी देख ली थी.

तभी मुझे बाथरूम जाने की जरूरत महसूस हुई तो मैं चला गया.


फिर वॉशरूम से आकर आगे की मूवी देखने लगा.


आंटी ने भी अपना काम खत्म कर लिया था और वे भी बिस्तर पर बैठ कर फिल्म देखने लगी थीं.


गर्मी कुछ ज्यादा होने के कारण मैंने आंटी के कहने पर पंखे की स्पीड बढ़ा दी और दरवाजे खिड़की बंद कर दिए.

इस बार हम दोनों मूवी देख रहे थे इसलिए वह भी कुछ नहीं बोलीं.

अब वह पल आ गया था, जो मुझे चाहिए था.


हम दोनों बेडरूम में थे और आंटी बेड पर लेटी हुई मूवी देख रही थीं.


तभी उस मूवी में सेक्स का सीन आ गया.

हम दोनों ही वह सीन देख रहे थे.

उसमें लड़का लड़की सेक्स कर रहे थे.


मैं मजबूर था क्योंकि फोन दूसरे कमरे में था और मैं उस सीन को बदल ही नहीं सकता था और सिवाय आंख बंद करने के कुछ भी नहीं कर सकते थे.

हम दोनों ने आधा सीन तो देख लिया था लेकिन लज्जा के कारण दोनों ने शर्म के मारे गर्दन नीचे कर ली.


फिर आंटी ही बोलीं- जाने दो, इसमें कौन सी बड़ी बात है!


उनके ये बोलते ही हम दोनों एक दूसरे के सामने खुल गए.

बस फिर क्या था … मैं आंटी से बातें करते हुए मूवी देखने लगा था.


फिर जब और एक बार सेक्स सीन आ गया तो मेरा तो लौड़ा बाबा सलामी देने लगा.

उधर आंटी भी गर्म हो रही थीं.


उनका घर बड़ा था.

लगभग 6 कमरे का था … तो आवाज बाहर जाने का खतरा नहीं था.


मेरे सब्र का बांध टूट चुका था.

इतनी खूबसूरत माल पास में थी और मैं ऊपर से वर्जिन.

थोड़ी देर ऐसे ही मैं आंटी की तरफ देखता रहा, उनके मम्मों को घूरता रहा.

वे मूवी देख रही थीं और मैं उनको.


दस मिनट गुजर जाने के बाद मुझमें अब सब्र नहीं बचा था.

कैसे रुकता, जिसे पहले ही अपना दिल दे चुका था.


फिर क्या था मैं एक कुत्ते की तरह उन पर झपट पड़ा.

वे कुछ समझ पातीं, उससे पहले मैंने उनको चूमना चालू कर दिया.


अब वे मदहोश होकर मेरा साथ देने लगी थी.

लेकिन अचानक से उन्होंने मुझे एक साईड कर दिया.

अब हम दोनों एक मिनट तक ऐसे ही रहे.

हम दोनों को कुछ भी नहीं सूझ रहा था कि हम क्या कर रहे थे.


फिर हम दोनों में बहस होने लगी.


आंटी कह रही थीं- तुमने ये क्या कर दिया?

मैं- जो हम दोनों को चाहिए, वही तो कर रहा हूँ.


सरिता- नहीं, हम दोनों सही नहीं हैं.

मैं- नहीं आंटी, जब दो जिस्म बिना किसी रोक-टोक के मिल जाते हैं, तो ये गलत नहीं होता है.

सरिता- लेकिन!

मैं- लेकिन-वेकिन कुछ नहीं.


यह कहकर मैं उनके ऊपर चढ़ गया और उनके होंठों को अपने होंठों से मिला लिया.


वे थोड़ा विरोध तो कर रही थीं मगर मेरे चूमने की वजह से वह कुछ कह नहीं पाईं.


उनको भी अब आनन्द आने लगा था.

हम एक दूसरे का कोई विरोध न करते हुए उस समय का मजा लूटने लगे थे.


कुछ बीस मिनट के बाद मैंने अपने आपको उनसे अलग किया.

अब हम दोनों पर सेक्स का जुनून सवार था.

मैंने जल्दी ही उनको और खुद को नंगा कर दिया.


जैसे ही मैंने अपना 6.5 इंच का लंड बाहर निकाला तो आंटी थोड़ा शर्मा गईं.


वे कहने लगीं- तेरा तो बहुत मोटा हो गया रे … यह तेरे अंकल से बड़ा है.

यह सुनकर मैं खुश हो गया और उनके बदन को चूमने लगा.


वे भी अब गर्म आहें भरने लगी थीं.


उन्होंने भी मेरे लौड़े को पकड़ लिया था.

अब मुझे सब्र नहीं हो रहा था.


मैंने उनको बेड पर गिरा दिया और हम अब 69 की पोजीशन में आ गए.

पहले मुझे लगा कि ये उनको अजीब लगेगा लेकिन वे तो खुद ही लंड को चूसने का पूरा मजा ले रही थीं.

करीब 15 मिनट की चुसाई के बाद हम दोनों ही चरम सीमा पर आ गए थे.

आंटी झड़ने वाली हो गई थीं.


मैंने आंटी की चूत में अपनी जीभ चलाने की गति बढ़ा दी और उसी समय आंटी ने मेरे लंड को चूसने की रफ्तार डबल कर दी थी.


अगले ही कुछ पलों बाद आंटी अपने शरीर को अकड़ाती हुई झड़ने लगीं और उन समय उनके मुँह से आवाज निकलने लगी.

उन्होंने मेरे लंड को अपने हाथ से मरोड़ना शुरू कर दिया था.


उन्होंने अपने मुँह से मेरा लंड निकाल दिया था और कहने लगी थीं- आह जल्दी करो … मैं आ रही हूँ!

मैंने झट से उनकी चूत से मुँह हटाया और अपनी दो उंगलियां उनकी चूत में डाल कर जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगा.

बीस तीस सेकंड में वे झड़ गईं.

उनकी चूत से रस टपकने लगा.


मैंने ये देखकर उनके ऊपर से हट कर अपना आसन बदला और अपना लंड उनकी चूत पर सैट करने लगा.

लेकिन उन्होंने नहीं कहते हुए झट से मुझे रोक लिया.


मैंने कहा- जान, अब मेरा क्या होगा?

सरिता- तेरे अन्दर कितनी ज्यादा स्टेमिना है रे?


मैं- अब वो सब बातें छोड़ो और मेरे लंड का कुछ करो यार!

Xxx पोर्न आंटी ने झट से पोज बनाया और अपने मुँह में मेरा लंड ले लिया.

वे लंड चूसने लगीं.

मैंने उत्तेजना में उनकी गर्दन पकड़ ली और उनके मुँह को ही चूत समझ कर चोदने लगा.


पांच मिनट के बाद मैं भी ढेर होने लगा.

उसी समय मैंने उनकी नाक बंद कर दी और उनके मुँह में झड़ गया.

उन्होंने भी मेरा माल पी लिया और हंसने लगीं.


वे मुझसे पूछने लगीं- साले, इतना सब किधर से सीखा?

मैं- आंटी ये हॉट सेक्स स्टोरी का कमाल है.


सरिता- मुझे भी पढ़ना सिखा देना कि साइट कैसे खोलते हैं.

मैं- सब सिखा दूंगा मेरी रानी.


उन्होंने मेरा लंड साफ कर दिया और हम दोनों बैठ कर बातें करने लगे.

अब उन्होंने टाईम देखा तो शाम के 6 बज गए थे.

अंकल के आने का समय हो गया था.


वे उठ गईं और बोलीं- जल्दी से कपड़े पहनो.


मैं- लेकिन मेरी जान … मेरे लंड को अभी सुख चाहिए है ना!

सरिता- उसे कल दिन भर चूत का मजा मिलेगा, प्लीज अब तुम बाहर जाओ.


मैं- ठीक है, लेकिन कल सबका हिसाब होगा.

सरिता- हां बाबा, मैं सब हिसाब चुकता कर दूंगी.

मैं वहां से घर लौट गया और घर जाते ही सो गया.

जब मेरी नींद खुली तो 8 बज गए थे.

मैं उठा और खाना खाकर फिर से सो गया.

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