लड़कों की और अंकल की दिलों की धड़कन हूँ मैं। Larko Aur Ancle ki Dil Ki Dharkan Hu

लड़कों की और अंकल की दिलों की धड़कन हूँ मैं। Larko Aur Ancle ki Dil Ki Dharkan Hu


Desi Story



मेरा नाम रितिका है मैं अठारह साल की हूँ। अभी हाल ही में अपना अठारहवाँ जन्मदिन मनाई हूँ। मैं हॉट हूँ सुन्दर हूँ। गोल गोल सॉलिड बूब्स है गांड में उभार है। चलती हूँ तो मेरी गांड हिलती है। पीछे से और भी ज्यादा सेक्सी लगती हूँ। होठ लाल लाल नेचुरल है। गोरी हूँ बाल काले हैं। मैं हमेशा स्टाइलिस्ट कपडे पहनती हूँ। अपनी वीडियो टिकटोक पे डालती हूँ मेरे करीब 10 हजार फॉलोवर है फेसबुक पर। यानी कई लड़कों की और अंकल की दिलों की धड़कन हूँ मैं।


आपको पता है। गर्मियों में समय नहीं कटता है इसलिए सभी लोग मनोरंजन के लिए अलग अलग खेल खेलते हैं। मैं भी आजकल लूडो खेलती हूँ अपने भाई आदित्य के साथ। वो मेरे से बड़ा है। आदित्य देखने एकदम बॉलीवुड के हीरो जैसा है। 

मम्मी बैंक में काम करती है इसलिए वो सुबह अपने जॉब पर चली जाती है। 

मेरे पापा का भी बिजनेस है इसलिए वो भी सुबह ही चले जाते हैं। पापा अक्सर अपने बिजनेस की वजह से बाहर रहते है। 


घर में हम भाई बहन के अलावा और कोई नहीं होता है। तो सबसे बढ़िया साधन है लूडो खेलना। पर अब तीन दिन से लूडो के साथ साथ मेरे और आदित्य के बीच कुछ और ही खेल चल रहा है।

आज से तीन दिन पहले की बात है। हम दोनों भाई बहन लूडो खेल रहे थे। मैं जो टॉप पहनी थी उसका गला बहुत बड़ा था। जब झुक कर चाल चलती थी तो हाथ हिलने पर मेरी चूचियां हिलती थी। और झुकती थी तो आधी चूचियां बाहर से दिखाई देती थी। मेरे भाई आदित्य की नजर उसपर हमेशा बनी हुई थी। वो बार बार मेरी दोनों बॉल को निहार रहा था और थूक निगल रहा था यानी वो मेरी बूब्स को देखकर बार बार कामुक हो रहा था। उसकी निगाहें एकदम से टिकी हुई थी मेरी चूच पर।


धीरे धीरे आदित्य मेरी तारीफ़ करने लगा। मेरी सुंदरता का वर्णन करने लगा कहने लगा की मझे कैसी बीवी चाहिए रितिका तुम्हे पता है। तुम्हारे जैसी। मुझे ऐसी ही हॉट और सुन्दर लड़की चाहिए। तो मैं पूछने लगी आखिर क्यों? तो वो कहने लगा रातें रंगीन करने के लिए। ऐसी लड़की मुझे मिल जाये तो मैं कभी घर से बाहर ही नहीं जाऊं और अपनी बीवी को बहुत प्यार करूँ उसे गिफ्ट दूँ। 

तो मैंने कहा फिर तुम अपनी बहन को ही प्यार कर लो। जो गिफ्ट तुम अपनी बीवी को देने वाले थे वही गिफ्ट अपनी बहन को ही दे दो। 


आदित्य बोल उठा मैं तो दे सकता हूँ पर तुम वो नहीं दे सकती है जो बीवी देगी। तो मैं पूछी क्या नहीं दे सकती? मुझे तो पता था वो क्या पूछना चाह रहा है फिर भी मैं नाटक कर रही थी। तभी वो बोल उठ तुम मुझे चोदने नहीं दे सकती है।


तो मैं बोल उठी अगर ये दे दूँ तो ? तो आदित्य बोला क्या ? 


मैं बोली वही “चोदने ” इतना सुन कर उसकी आँखे खुली की खुली रह गई। वो इतना सुनते ही मेरे करीब आ गया और कहने लगा सच ? मैं बोली ये बात किसी और को नहीं बताओगे तो ? 

आदित्य बोला नहीं बताऊंगा। और फिर यही से शुरू हुई भाई बहन के प्यार और चुदाई की कहानी।


आदित्य मेरे करीब आकर बैठ गया और फिर लड़खड़ाते हुए कहने लगा क्या ये सब सच है। कांपते हुए हाथ उसने अपना हाथ मेरी जांघ पर रख दिया। उसके बाद वो सहलाने लगा मैं उसके तरफ देखने लगी। और मैं भी उसके बाहों को सहलाने लगी। तभी उसके कांपते होठ मेरे होठ के तरफ बढे। वो गहरी सांस ले रहा था। मेरी साँसे भी अपने आप तेज हो गई थी। गरम गरम साँसे एक दूसरे से टकराने लगी थी। मेरे शरीर में एक अजीब सी हलचल और सिहरन हो रही थी।


अचानक उसके होठ मेरे होठ पर आ गए और मेरे होठ खुद ही खुद उसके होठ पर पहुंच गए। धड़कने तेज हो गई थी। आँखे बंद हो चुकी थी। हम दोनों एक दूसरे के होंठों का रस पिने लगे। वो मुझे चूमने लगा मैं उसे चूमने लगी। हम दोनों एक दूसरे के और करीब आ गए। लूडो बंद करके साइड में रख दिया और वही फर्श पर मैं लेट गई और आदित्य मेरे ऊपर आ गया।

मेरी चूचियां हिल रही थी मेरी लम्बी लम्बी साँसों से। उसके हाथ मेरे बूब्स पर आ गए और हौले हौले दबाब देने लगा। मैं मदहोश होने लगी। मेरे तन बदन में आग लग गई थी। अब दोनों के बिच कोई फासला नहीं था। बस फिर क्या आदित्य मेरे कपडे उतारने की कोशिस करने लगा। और मैंने उसकी मदद की। सारे कपडे उतार दिए। बड़ी बड़ी चूचियां से वो खेलने लगा। मेरे पिंक निप्पल को उसने अपने मुँह में ले लिया। आदित्य किसी बच्चे की तरह मेरे निप्पलों को एक एक कर चूसने लगा। मेरी आँखे नशीली हो गई थी। मेरे होठ सूखने लगे थे। वो मेरी चूचियों को दबाता हुआ पीने लगा था। मेरे शरीर में करंट दौड़ रहा था।


उसने अपना पेंट खोल दिया मैं उसके लंड को सहमते हुए अपने हाथों में ले ली। फिर आदित्य ने मेरे मुँह के करीब आकर अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया। मुझे बहुत ही हॉट लगा उसका लंड। मैं धीर धीरे उसके लंड को मुँह में अंदर बाहर करने लगी। 

आदित्य भी अपना दांत पीसने लगा और मेरी चूचियों को सहलाने लगा। मेरी चूत गीली हो गई थी। मखमली बदन उसके सामने फर्स पर पड़ा था। चुदने के लिए मैं तैयार थी।

उसने मेरे दोनों टांगो को अलग अलग किया और बिच में बैठ गया। पहले तो जी भर कर मेरी हल्के बालों वाली चुत को निहारता रहा। फिर मेरी चुत को किस करने के बाद चाटने लगा।  

आदित्य अपनी जबान निकाल कर मेरी चुत चाट रहा था और मेरी चुत से पानी निकल रहा था। वो चाट रहा था और मैं मदहोश हो गई थी आँखे बंद हो रही थी मैं सिसकाररियाँ ले रही थी। 


मैने आदित्य से कहा प्लीज कुछ करो अपने लंड को मेरी चुत में डालो। अब बर्दाश्त नही हो रहा है चोदो मुझे। फिर आदित्य ने मेरी टाँगों को फैलाकर अपने कंधों पर रखा और लंड मेरी चूत पर लगा कर धीरे धीरे रगड़ा। उसने झुक कर मेरे होंठों पर अपने होंठ लगा दिया। 

होंठ चूसते हुए आदित्य ने एक ही झटके में अपने आधे लंड को मेरी चुत मे घुसा दिया। मुझे दर्द होने लगा ऐसे लग रहा था जैसे मेरे चुत को किसी लोहे की रॉड घुसाकर फाड़ दिया हो। 

आदित्य मेरे होंठ चुसता रहा और अपने एक हाथ में मेरे चुची को दबा रहा था। जब मेरा दर्द कुछ कम हुआ तो उसने एक जोरदार धक्का देकर अपने लंड को पूरा मेरे चुत में घुसा दिया। थोड़ी देर ऐसे ही एक दूसरे की बाहों में हम दोनों पड़े रहे। धीरे धीरे आदित्य मेरी चुदाई करने लगा। आदित्य का लंड मेरी चुत में अंदर बाहर हो रहा था। मुझे भी अब मज़ा आने लगा मेरी चूत से गरम गरम पानी निकल रहा था जिसके वजह से लंड पूरा चमक रहा था।आदित्य ने मुझे कसकर पकड़ा और जोर जोर से चोदने लगा।


आदित्य का लंड मेरी चूत में अंदर बाहर करने लगा। मेरे मुँह से सिर्फ आह आह आह आह अऊ ओह्ह्ह ओह्ह्ह ओह्ह्ह की आवाज निकल रही थी और वो अपने लंड को अंदर बाहर कर रहा था। मेरी चूचियों को दबाते हुए जब वो अपना लंड चुत के अंदर डालता मेरे रोम रोम सिहर उठते थे। मैं सातवें आसमान में थी। बहोत मजा आ रहा था आजतक कभी सोची नहीं थी। चुदाई इतनी अच्छी लगती है।

फिर क्या था मैं भी आवेश में आ गई और निचे से गांड उठा उठा कर धक्के देने लगी। अब तो चप छप की आवाज पुरे कमरे में गूंज रही थी। एक बहन अपने भाई से चुद रही थी। करीब आधे घंटे तक उसने मुझे ऐसे ही चोदा मेरी चूचियों को मसलते हुए। मैं भाव बिभोर हो गई। मन में तरंगे उठने लगी। कामुक हो गई थी मेरी अन्तर्वासना भड़क उठी थी। और फिर जोर जोर से हम एक दूसरे को खुश करने लगे। आदित्य अब मुझे अलग अलग तरीके से पोजिशन बदल बदल कर चोद रहा था। मैं भी हर तरीके से उसका साथ दे रही थी। हम दोनों का बदन पसीना पसीना हो गया था। मेरी चुत तो तीन बार झड़ गई थी लेकिन आदित्य अभी तक नहीं झड़ा था।


करीब दो घंटे तक आदित्य ने मेरी चुदाई की और जब उसका वीर्य निकलने वाला था तो उसने पूछा कहा निकलू। मैंने इशारे से अपने मुँह को दिखाया। आदित्य ने लंड चुत में निकाल कर मेरे मुँह के पास लगा दिया और जल्दी जल्दी मुठ मारने लगा। उसकी आँखें बंद थी और वो आह आह करते हुए मेरे मुँह में झड़ गया। मैने आदित्य का सारा वीर्य पी लिया। मुझे उसके वीर्य का टेस्ट बहोत पसंद आया। हम दोनों की प्यास बुझ गई थी। एक दूसरे की बाहों में हम खोये हुए थे। 

जबरदस्त चुदाई के बाद बस एक दूसरे के बदन को चुम रहे थे और सहला रहे थे। आदित्य मेरे जिस्म से खेल रहा था। मेरी चूचियां दबा रहा था। अपनी उंगलियों को मेरी चुत और गांड में धीरे धीरे डाल रहा था। उसके बाद हम दोनों ही शांत हो गए। 

उस दिन के बाद से तो हम दोनों जब भी मन करता एक दूसरे को खुश करते। जब भी मौका मिलता है खूब मजे ले ले कर चुदाई करते। 


आदित्य और मैं बस मम्मी पापा और दुनिया के सामने भाई बहन है लेकिन अकेले में हम दोनों पति पत्नी की तरह बिंदास घर में नंगे रहते है और जी भर के चुदाई का मज़ा लेते है। आदित्य मेरी चुत का दीवाना है और मैं उसके लंड की गुलाम। आदित्य ने मेरी गांड भी मारी है।

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