लिफ़्ट में मिले लड़के ने Desi Story Lift Mai Mile Larke Ne
लिफ़्ट में मिले लड़के ने Lift Mai Mile Larke Ne
Desi Story |
दोस्तो, मैं पूजा चतुर्वेदी राजस्थान के जयपुर की रहने वाली हूँ.
मेरी उम्र 38 साल है, मेरी हाइट 5 फिट 8 इंच है. मेरी फिगर का साइज 36-30-38 का है. मैं दिखने में बहुत खूबसूरत हूँ, बदन का रंग गोरा है.
मैं अपने आपको शुरू से बहुत फिट रखती आई हूं. इसलिए 38 के उम्र में भी 27-28 साल की माल लगती हूँ.
मैं एक हॉउसवाइफ हूँ.
मेरे पति गवर्नमेंट जॉब करते हैं.
मेरे 2 बच्चे भी हैं. जिनकी उम्र 17 साल और एक की 15 साल है.
जयपुर में मैं और मेरे पति एक शानदार फ्लैट में रहते हैं.
मेरे पति मुझसे 12 साल बड़े थे.
सरकारी नौकरी के चक्कर में घर वालों ने आव देखा न ताव और मेरी शादी इनसे करवा दी.
वैसे तो इन्होंने कभी कोई कमी नहीं की, मेरी सारी जरूरतों को शुरू से पूरा करते आ रहे हैं.
शादी के बाद से मैं अपने पति से बहुत खुश थी लेकिन अब उनकी उम्र 50 साल हो चुकी है.
उनका अब पहले ही तरह सेक्स में मन नहीं लगता. उनकी सेहत भी उनका साथ नहीं देती है.
वे चुदाई करने के लिए मेरे ऊपर रोज रात को चढ़ते तो हैं लेकिन दो मिनट में उनकी सांसें फूलने लगती हैं. वे थककर निढाल हो जाते हैं और बेड पर लेट जाते हैं.
मैं उनका लंड चूसकर अपनी पत्नी होने का फ़र्ज निभाती हूँ.
इस दौरान भी वह 2 मिनट में झड़ जाते थे.
मैं अब समझ चुकी थी कि सेक्स अब इनके बस की बात नहीं हैं.
तो मैं रोज बिना शांत हुए ही अपनी इच्छाओं को दिल में दबाकर सो जाती थी.
जब ये ऑफिस चले जाते हैं तो मैं पोर्न फिल्में देखती हुई अपनी चूत में खीरा-गाजर आदि डालकर अपनी वासना शांत कर लेती हूँ.
मैं सोचने लगी थी कि अब मैं ऐसा क्या करूँ जिससे मेरी चूत को शांति मिल जाए.
मुझे कोई रास्ता सूझ भी नहीं रहा था.
मैंने पूरी जिंदगी मेरे पति के सिवा किसी के साथ सेक्स नहीं किया था.
मेरी सील भी इन्होंने ही तोड़ी थी.
बहुत सोचने के बाद मेरे पास किसी दूसरे पराये मर्द से चुदवाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था.
अब मैं सोचने लगी कि किससे अपनी चूत की प्यास मिटाऊं
इसी दौरान एक दिन छोटे बच्चे को स्कूल बस तक छोड़कर वापस घर आ रही थी.
अपने फ़्लैट में जाने के लिए मैं लिफ़्ट में दाखिल हो गई.
हमारा फ़्लैट 7 वीं मंजिल पर है.
लिफ़्ट में दूसरी मंजिल से एक 23-24 साल का लड़का भी चढ़ गया.
उसने लिफ्ट में घुसते हुए स्माइल के साथ मुझे हैलो किया.
जवाब में मैंने भी हैलो कह दिया.
वह यहां नया लग रहा था, शायद रहने के लिए नया-नया आया था.
मैंने उससे कुछ नहीं कहा.
उसने ही मुझसे पहले पूछा- क्या आप यहीं रहती हैं?
मैंने हां में जवाब दे दिया.
फिर मैंने उससे पूछा- तुम कौन सी फ्लोर में रहते हो?
उसने बताया कि वह सेकंड फ़्लोर पर रहता है.
मैंने उससे पूछा- ओके, तो ऊपर कहां जा रहे हो?
इस पर उसने कुछ जवाब नहीं दिया, जवाब के बदले वह सिर्फ मुस्कुरा दिया.
उसकी यह बात मुझे अजीब लगी.
ख़ैर … मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया.
मैं अगले दिन फिर अपने बच्चे को स्कूल छोड़कर लिफ़्ट में चढ़ी, तो वह लड़का दूसरी फ़्लोर से फिर से लिफ़्ट में चढ़ गया.
मैंने उससे कोई बात नहीं की और एक कोने में खड़ी हो गई.
उसकी यह हरकत 5-6 दिनों तक लगातार जारी रही.
फिर मैंने उससे एक दिन पूछ ही लिया- तुम ऐसा क्यों कर रहे हो? लिफ़्ट में क्या तुम मेरा पीछा करते हो … मैं तुम्हारी शिकायत कर दूँगी.
मेरा ऐसा कहने पर वह थोड़ा डर गया और मेरी तरफ मुँह करके खड़ा हो गया.
वह कहने लगा- मैं आपको रोज आता देखकर ही लिफ़्ट में आता हूं, आप मुझे बहुत पसंद हो.
तब तक मेरा फ़्लोर आ गया था तो मैं उससे बिना कुछ कहे लिफ़्ट से निकलकर अपने फ्लैट में चली गई.
अब मैं उस लड़के के बारे में सोचने लगी.
मुझे शुरू में थोड़ा अजीब लगा.
फिर मुझे अपनी प्यासी चुत का ख्याल आया.
मैंने सोचा कि लड़का जवान है, मेरी सारी सेक्स की जरूरत को पूरी कर सकता है.
मैंने उससे अपनी चूत की प्यास मिटवाने का सोच लिया.
अगले दिन जब मैं बच्चों को छोड़ने गई तो ब्लैक साड़ी में डीप नेक वाला ब्लाउज पहन लिया.
मैं बच्चों को छोड़कर वापस पहुंची और लिफ़्ट में चढ़कर उसका इन्तजार करने लगी.
दूसरे फ़्लोर से वह लिफ्ट में चढ़ गया.
लिफ्ट में घुसते ही उसने मुझसे कहा- आज आप बहुत हॉट लग रही हो!
उसके मुँह से यह शब्द सुनते ही मैं समझ चुकी थी कि उसे क्या चाहिए.
मैंने मुस्कुराते हुए नजरें झुका दीं.
मेरी तरफ से ग्रीन लाइन मिलते ही उसने मुझे बांहों में भरकर मेरे होंठ से होंठ मिला दिए.
कुछ ही सेकंड्स में मैंने उसे झटका देकर उसे ख़ुद से अलग कर दिया.
वह मेरे विरोध से थोड़ा डरकर अलग खड़ा हो गया.
तो मैंने उसके होंठ में उंगली रखते हुए कहा- मेरे फ्लैट में इस वक़्त कोई नहीं है!
मैंने उससे इतना ही कहा कि उसे समझने में देर नहीं लगी.
वह चुपचाप मेरे पीछे-पीछे मेरे फ्लैट में आ गया.
मैंने उसके अन्दर आते ही दरवाजा बंद कर दिया.
उसके बाद वह भूखे शेर की तरह मुझमें झपट पड़ा और मेरे होंठों को चूसने लगा.
मेरे नर्म होंठों को वह बेतहाशा किस करने लगा और अपने दोनों हाथों से मेरे बूब्स को ब्लाउज के ऊपर से दबाने लगा.
वह एकदम जवान लौंडा था तो उसकी उत्तेजना भड़क गई थी.
जल्दबाज़ी में वह मेरी साड़ी को खींचने लगा.
उसकी सांसें तेज़ होने लगीं.
मैं भी अपना होश खो रही थी.
हालांकि मुझे उसका रोमांस करने का यह झटपट वाला तरीका पसंद नहीं आया लेकिन मेरी चूत में बहुत दिनों से आग लगी हुई थी इसलिए मुझे यह सब अच्छा लगने लगा.
शायद 23-24 साल के सारे लड़कों को ऐसे ही झपट्टा मार रोमांस करने में मजा आता है.
कहानी से नहीं भटकते हुए मैं आगे बताती हूं.
वह मेरे होंठों को चूमे जा रहा था और उसके हाथ मेरे बूब्स को लगातार दबा रहे थे.
आगे बढ़ता हुआ वह मेरे गले को किस करने लगा, मैं उसे किस करने लगी.
अब वह साड़ी के ऊपर से मेरी चूत को सहलाने लगा.
मेरी चूत पूरी गीली हो चुकी थी.
हम अभी भी दरवाजे के पास खड़े थे.
मुझे लगने लगा कि ये मुझे यहीं पर चोद देगा.
मैंने उसे थोड़ा शांत करके बेडरूम में चलने को कहा लेकिन वह अलग ही क़िस्म का लड़का निकला.
वह मुझसे पूछने लगा कि बाथरूम किधर है?
मैंने उसे इशारा ही किया था कि वह मुझे बांहों में उठाकर बाथरूम में ले गया.
बाथरूम में घुसकर मुझे शॉवर के नीचे दीवार से टिकाया और शॉवर चालू कर दिया.
मैं एकदम से अचकचा सी गई.
जब तक मैं कुछ कहती, वह मुझे बेतहाशा किस करने लगा.
मुझे भी उसका यह पागलपन अच्छा लग रहा था क्योंकि मेरे पति ने भी इस तरह से मुझे कभी प्यार नहीं किया था.
हम दोनों शॉवर में भीग गए.
अब उसने एक एक करके मेरे सारे कपड़े निकाल दिए.
मैं पूरी तरह से नंगी हो गई.
मैंने भी उसके कपड़े निकाल दिए.
वह मेरे दोनों बूब्स को बारी-बारी मुँह में लेकर चूसने लगा.
मैं पागल हुई जा रही थी.
उसके बाद वह नीचे बैठकर मेरी चूत में मुँह लगा कर चाटने लगा, चूसने लगा.
मैं तड़पकर पागल हो रही थी.
इसके बाद उसने मुझे दीवार की तरफ मुँह करके पलटा और मेरी पीठ को, गले को किस करने लगा.
थोड़ी देर बाद उसने मुझे नीचे बैठने का आदेश दिया.
मैं उसकी सारी बात मान रही थी सो मैं नीचे बैठ गई.
उसका 8 इंच का लंड मेरे मुँह के सामने फनफना रहा था.
मुझे समझने में देर नहीं लगी कि मुझे क्या करना है.
मैंने उसके लंड को मुँह में भर लिया और चूसने लगी.
थोड़ी देर उसके लंड को चूसने के बाद वह सिसकारी निकालने लगा और मेरे सिर को दोनों हाथों से पकड़कर वह आगे पीछे करते हुए मेरे मुँह को चोदने लगा.
उसकी स्पीड और सिसकारी बढ़ने लगी.
वह कुछ देर में झड़ने वाला था.
मैं जानती हूं कि कितना बड़ा भी मर्द हो झड़ने के बाद वह फुस्स हो जाता है और कुछ देर के लिए शांत पड़ जाता है.
मैं यह नहीं चाहती थी.
मैं उसकी इच्छा के विरुद्ध उससे खुद को छुड़ाकर वहीं पीठ के बल लेट गई और अपनी फर्श में भीगी पड़ी साड़ी को सर के नीचे तकिया के जैसे लगा ली और उसे इशारा करते हुए अपने ऊपर आमंत्रित करने लगी.
वह मेरे ऊपर लेट गया और होंठ, बूब्स को चूसते हुए फिर से मेरी चूत को चाटने लगा.
वह मेरी चूत में अपनी दो उंगलियों को घुसेड़ कर अन्दर बाहर करने लगा.
मैं फिर तड़पने लगी थी.
मेरा पूरा शरीर अकड़ने लगा.
मैं बस अब लंड लेना चाहती थी तो मैं उठ कर बैठ गई और उसे पकड़कर अपने ऊपर खींचकर लेट गई.
मैं गुर्रा कर उससे बोलने लगी- लंड डाल चूत में मादरचोद!
उसे अपने ऊपर खींचकर उसके कंधे में काटने लगी.
इसके बाद उसने लंड को चूत में सैट किया और जोर से धक्का मारकर पूरे लंड को चूत में जड़ तक पेल दिया.
वह जोर जोर से धक्का मारने लगा.
मुझे शुरू में थोड़ा दर्द हुआ, फिर मजा आने लगा.
वह लगातार मुझे चोदे जा रहा था.
मैं भी टांग फैला फैलाकर उससे चुदवा रही थी.
वह बहुत जोर-जोर से तेजी से लंड को अन्दर बाहर कर रहा था.
मैं भी अपने चूतड़ को ऊपर उठा-उठाकर उससे चुदवा रही थी.
काफी देर तक उसने मेरी बाथरूम में चुदाई की.
उसके बाद उसके घुटनों में दर्द होने लगा क्योंकि चोदने के दौरान उसके घुटने लगातार फर्श से टकरा रहे थे.
इसलिए हम दोनों मेरे बेडरूम में चले गए जहां उसने मेरी खूब चुदाई की.
उसने बेड के किनारे पर मुझे लेटाकर मेरे दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख लिया और बेड किनारे खड़े होकर मुझे चोदने लगा.
कुछ 15 मिनट इस तरह मुझे चोदने बाद वह मेरे ऊपर सामान्य तरीके से लेट गया और चूत में लंड सैट करके मुझे चोदने लगा.
वह लगातार तेज़ रफ़्तार से मुझे पेल रहा था.
मैं ‘आह … ऊऊउ … आह …’ की आवाज निकाल रही थी.
आज इससे चुदवाने में मुझे बहुत मजा आ रहा था.
मेरी आज से पहले ऐसी चुदाई पहले कभी नहीं हुई थी.
फिर उसने मुझे घोड़ी बनने के लिए कहा.
मैं घोड़ी बन गई.
वह पीछे से मेरी चूत में लंड डालकर मुझे चोदने लगा.
उसने मेरे बाल पकड़ लिए और मुझे चोदने लगा.
मैं बस चुदी जा रही थी
मुझे बहुत मजा आ रहा था.
अब मैं झड़ने वाली थी लेकिन मैं ऐसे नहीं झड़ना चाहती थी.
मैंने उससे नीचे लेटने के लिए कहा और वह बेड पर लेट गया.
मैं उसके लंड पर चूत टिकाकर बैठ गई.
अब वह नीचे था, मैं ऊपर थी.
उसके लंड को चूत में लेकर मैं ऊपर नीचे हो रही थी.
मुझे मजा आने लगा.
मैं जोर ज़ोर से ऊपर नीचे होने लगी और ‘आह … उह हहह’ की आवाज निकालने लगी.
अब उसे भी मजा आ रहा था, वह भी सिसकारी निकालने लगा.
मैं और ज़ोर ज़ोर से उसके लंड में उछल कर चुदाई करवा रही थी.
इसी दौरान हम दोनों एक साथ झड़ गए.
उसके लंड का पानी मेरी चूत से बहने लगा.
अब हम दोनों शान्त हो गए.
उससे दोबारा मिलने का वादा करके मैंने उसे विदा किया.
अब हम अक्सर सेक्स करते हैं.
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