ऐसी थी मेरी बॉस Ac Thi Meri Boss
ऐसी थी मेरी बॉस Ac Thi Meri Boss
Desi Story |
दोस्तो, कैसे हो आप सभी लोग
मैं वासु उम्र 26 साल 5 फुट 11 इंच लम्बा हूँ।
अभी 15 दिन पहले ही मैंने गोवा के वालपोई शहर की एक कम्पनी में ऑन लाईन जॉब इन्टरव्यू दिया था।
मुझे उम्मीद नहीं थी कि मेरा सेलेक्शन हो जायेगा और मुझे बॉस का सेक्रेटरी के पोस्ट पर सेलेक्ट किया जायेगा।
मुझे कम्पनी की तरफ से रहने को घर और खाने भी ऑफर था।
रिसेप्शन पर एक बार फिर अपना परिचय देने के बाद पास पड़े हुए सोफे पर बैठ गया।
थोड़ी देर बाद ही रिसेप्शन पर बैठी हुयी लड़की ने मुझे बॉस के ऑफिस का रास्ता दिखाते हुए बॉस से मिलने के लिये बोला।
मैं अपने मन में थोड़ा डर लिये हुए पूछ कर बॉस के केबिन के अन्दर प्रवेश कर गया।
एक बहुत ही खूबसूरत और दमदार पर्सनॉलटी मेरे सामने थी।
वो अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए बोली- हाय आई ऍम रिया!
मैंने भी हिचकते हुए मैडम से हाथ मिलाया और बोला- हाय आई ऍम वासु!
सफेद शर्ट और ब्राउन स्कर्ट में रिया मैडम बहुत खूबसूरत लग रही थी।
मेरे नियुक्ति पत्र को देखती हुई बोली- मिस्टर वासु, मैं आपको आपका काम समझा देती हूँ.
कहते हुए उन्होंने ऑफिस के खुलने व बंद होने के समय के साथ-साथ मुझे पूरा काम समझा दिया।
इस बीच मेरी नजर और कान दोनों एक साथ ही काम कर रहे थे।
मेरी नजरें रिया से हट ही नहीं रही थी।
चूंकि मैं रिया का पर्सनल सेकेट्री के रूप में एप्वाईन्ट हुआ था इसलिये अधिकतर समय मुझे उसके साथ-साथ रहना पड़ता था।
धीरे-धीरे तीन महीने बीत चुके थे।
काम के अलावा और कोई बात नहीं होती थी।
हाँ कभी-कभी ऐसा हो जाता था कि जब मैं रिया को एकटक देखने लगता था तो वो मुझे टोक देती थी।
शनिवार का दिन था और शाम को कोई चार बजे का वक्त था।
रिया मुझसे बोली- वासु, आज शाम को क्या कर रहे हो?
“कुछ नहीं मैम … आप बोलो, कुछ काम है आपको?”
मेरी तरफ देखती हुई बोली- काम तो कुछ नहीं है, बस आज मेरी बर्थडे है, तुम्हें इनवाईट करना है।
मैंने रिया को विश करते हुए कहा- हैपी बर्थडे मैम …. ठीक है मैम, शाम को कितने बजे पहुँचना है?
“आठ बजे तक आ जाना!”
“ठीक है मैम!”
पर उस दिन मैंने एक बात नोटिस की कि रिया का सारा ध्यान मेरी ही तरफ था।
लेकिन मुझे यह नहीं मालूम था कि शाम को मुझे ऐसा सरप्राईज मिलेगा जिसकी मैं कल्पना भी नहीं कर सकता था।
खैर शाम को ठीक आठ बजे मैं रिया के घर पहुँच गया.
घर पर दरवाजे की घण्टी बजाने के कुछ ही पल के बाद गहरे भूरे रंग की फ्रॉक पहने हुए रिया ने दरवाजा खोला।
मुझे हाय कहते हुए घर के अन्दर आने का इशारा किया।
क्या कहूँ … जिस कमरे में मैं खड़ा था, पूरे लाल रंग से नहाया हुआ था, बहुत ही धीमी आवाज में इन्स्ट्र्यूमेन्टल सॉंग चल रहा था।
दरवाजा बन्द होने की आवाज सुनकर मैं मुड़ा और रिया को देखते हुए बोला- मैम, अभी और लोग नहीं आये क्या?
“नहीं, मैंने तुम्हारे अलावा किसी को नहीं बुलाया!”
कहकर रिया ने मेरी बांहों में अपना हाथ डाला और सोफे के पास आकर मुझे बैठने के लिये बोली.
मैंने उनको गिफ्ट पकड़ाते हुए एक बार फिर से उनको बर्थडे विश किया, जिसको उन्होंने बड़े ही मनमोहक अंदाज में स्वीकार किया।
उसके बाद रिया दो गिलास में वाईन लेकर आयी और एक गिलास मुझे देने लगी.
मैं झिझक रहा था.
मेरी झिझक को मिटाते हुए वो बोली- वासु! ले लो। मैं ऑफिस में बॉस हूँ, यहां मैं तुम्हारी दोस्त हूँ!
कहकर वो मेरे सामने बैठ गयी।
उनकी गहरे गले वाली फ्रॉक, जिसके अन्दर उनके बूब्स दबे हुए थे, मेरी नजर बार-बार जाकर टकरा जा रही थी।
मेरी लेते हुए बोली- क्या हुआ वासु, क्या देख रहे हो?
“कुछ नहीं … कुछ नहीं!” मैं हकलाते हुए बोला.
“हम्म, समझ रही हूँ कि तुम क्या देख रहे हो?”
फिर रिया खड़ी होकर और अपना हाथ मेरी तरफ करते हुए बोली- आओ मेरे साथ डांस करो।
उनके ऑफर से ऐसा लग रहा था कि साला जन्मदिन उनका न होकर मेरा है।
मैं उनके साथ डांस करने लगा, कोशिश कर रहा था कि कुछ ज्यादा मैं टच न हो जाऊँ।
फिर रिया ने खुद ही मेरी बांहों को अपनी कमर में फंसाकर मुझसे चिपक गयी।
थोड़ी देर तक दोनों के बीच यूं ही खामोशी चलती रही.
फिर मैं ही खामोशी को तोड़ते हुए बोला- रिया … ऐसा लग रहा है कि बर्थडे आपका नहीं मेरा है. और आप मुझे गिफ्ट दे रही हो।
“हम्म! अच्छा ये बताओ कि तुम्हारी गर्ल फ्रेंड है?”
“नहीं मैम!”
मैम शब्द सुनकर वो मेरी तरफ देखकर बोली- अभी तो तुमने मुझे रिया पुकारा और अब मैम? ‘मैम’ ऑफिस के लिये … यहाँ पर सिर्फ रिया।
“नहीं रिया, हम दोस्तो की टोली थी, उन्हीं से अपने गम और खुशी साझा करते हैं।”
“तो कैसा लग रहा है एक लड़की के साथ डांस करते हुए?”
“कुछ कह नहीं सकता, ऐसा लग रहा है कि मेरी तो लॉटरी निकल गयी है।”
“एक बात सच सच बताना!” रिया ने कहा।
“पूछो, क्या आप जानना चाहती हो?”
“किसी लड़की को तुमने नंगी देखा है?”
“लड़की ही नहीं पास फटकी तो नंगी देखने का सवाल ही नहीं उठता।”
थोड़ा मुझसे पीछे होती हुयी एक बार फिर बोली- झूठ बोल रहे हो?
“नहीं रिया, मैंने आज तक नहीं देखा।”
“मतलब तुमने किसी लड़की की बुर को नहीं देखा, उसकी चूची को नहीं देखा?”
उनके मुँह से इस प्रकार के शब्द सुनकर थोड़ा सा मैं अवाक रह गया.
हालाँकि इन तीन महीनों में उसकी समीपता के कारण मेरे मन भी उसकी चूत लेने का मन तो बहुत करता था लेकिन मेरी बॉस होने के कारण उससे बात करने में ही मेरी गांड फटी रहती थी।
लेकिन आज उसका यह अंदाज देखकर और मिलता हुआ माल हाथ से मैं भला कहाँ जाने देता!
इसलिये उसके उन शब्दों को सुनकर मैंने भी उसे उसी अंदाज में जवाब दिया- साले भोसड़ी वाले दोस्तों का लंड देखने के अलावा कुछ और देखने को नसीब ही नहीं हुआ।
मेरी आंखो में झांकते हुए बोली- तो साले तुम गांडू हो?
“नहीं नहीं … मैं गांडू नहीं हूँ!” कहते हुए मैं अपने सर को खुजलाने लगा।
मेरे इस रिएक्शन को देखकर हँसते हुए बोली- क्यों शर्मा रहे हो … आज तुम्हारे सामने खूबसूरत और सेक्सी लड़की है!
कहते हुए रिया स्कर्ट के ऊपर से ही अपनी बुर के ऊपर हाथ रखकर मुझे इशारा कर रही थी कि उसकी बुर उसी जगह स्कर्ट से छिपी हुयी है- पास आकर और स्कर्ट उठाकर बुर देख लो।
रिया का इस तरह से इशारे में कहते हुए सुनकर मेरी आंखें फैली फैली रह गयी.
मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या कहूँ।
लेकिन मैं अगले पल ही उसके समीप गया और जमीन पर अपने घुटने टिकाकर रिया की फ्रॉक को ऊपर उसकी कमर की तरफ उठा दिया.
पर लाल लाईट में कुछ समझ में नहीं आ रहा था.
इसलिये मैं एक बार फिर खड़ा हुआ और कमरे में जितने भी लाईट के स्विच थे, सबको ऑन कर दिया।
पूरा कमरा रोशनी से भर गया।
एक बार फिर मैं उसी पोजिशन पर आकर रिया की स्कर्ट को उठाने लगा तो इस बार रिया ने मेरे हाथों को दबोच लिया.
मैंने उसकी तरफ देखा तो बोली- कुत्ते, मेरी चूत देखने के बदले में तू मुझे क्या देगा?
अब मेरी हिम्मत बढ़ चुकी थी, मैं उठा और उसके गालों को दबाते हुए उसके होंठों को चूमने लगा।
जब मैंने अच्छे से उसके होंठों को गीला कर दिया तो उसको हल्का सा धक्का देकर अपने से अलग करते हुए बोला- मादरचोद, ले पहले तू मेरा लंड देख ले, फिर अपनी चूत दिखाना!
कहते हुए मैंने एक-एक करके अपने सब कपड़े उतार दिये और अपने लंड को हिलाते हुए बोला- देख भोसड़ी वाली!
रिया तेज ठहाके लगाते हुए बोली- भोसड़ी वाले, तेरा लंड तो अभी से हिनहिनाने लगा है, कहीं जल्दी से खलास तो नहीं हो जायेगा?
अब मुझे डाउन होना पड़ा और उसकी तरफ देखते हुए बोला- अभी तक किसी लड़की को नहीं चोदा इसलिये शायद मेरा लंड जल्दी हिनहिनाने लगा।
वो मेरे लंड के सुपारे को अपने अंगूठे से रगड़कर फिर अंगूठे को चाटते हुए बोली- चल आ जा, मेरी स्कर्ट को उतार और बुर को तो देखकर अपनी आँखें सेक ले।
मैंने बी एफ तो काफी देखी थी जिनमें लड़की लंड भी चूसती है और चुदने के बाद उसका वीर्य भी अपने मुँह के अन्दर ले लेती है.
लेकिन सामने का यह पहला अनुभव था कि जब रिया ने मेरे सुपाड़े को रगड़ा और उसको चाट लिया।
मैं एक बार फिर घुटने के बल आया और उसकी स्कर्ट उसके जिस्म से अलग कर दिया।
रिया ने नीचे कुछ नहीं पहना था, उसकी चूत इतनी साफ और चिकनी दिख रही थी, जैसे ब्लू फिल्म वाली लड़कियों की चूत हो।
मेरे हाथ अपने आप उसकी चूत पर फिसल गये।
मैं उसकी चूत को सहलाने लगा और रिया सिसकारियाँ लेने लगी।
फिर मैंने रिया को पीछे की तरफ घुमाया.
उसकी गांड भी उसकी चूत की तरह बिल्कुल चिकनी थी।
मैं उसके कूल्हे सहलाने लगा.
इतनी ही देर में रिया ने अपनी शर्ट को उतार फेंका।
अब मेरे सामने रिया की नंगी पीठ थी।
मेरे हाथ उसके जिस्म पर ऐसे फिसल रहे थे जैसे किसी संगमरमर के पत्थर पर पानी फिसल रहा हो।
मैं अपनी भावना को काबू नहीं कर पा रहा था, रिया के जिस्म से खेलने के साथ-साथ मैं मुठ भी मार रहा था.
तभी रिया अचानक घूम गयी और मुझे मूठ मारते हुए देख बोली- वासु … इतनी बैचनी है अपने लंड का माल बाहर निकालने के लिये?
फिर मेरे हाथ से मेरे लंड को हटाकर सहलाने के बाद चूमते हुए बोली- अभी तो इसका बहुत काम है।
मैं उसकी चूची को दबाते हुए बोला- रिया तुम तो काफी एक्सपर्ट हो?
“हाँ … कई लोगों ने चोदा है मुझे!” मेरे लंड को मुँह में भर कर चूसते हुए बोली।
लेकिन यह क्या?
रिया जितना लंड को चूसती, उतना ही मेरा जिस्म अकड़ता जाता!
फिर अचानक से मेरा जिस्म ढीला हो गया और ऐसा लगा कि मेरे अंदर में भरा हुआ लावा अचकचा बाहर निकल आया है।
तभी मेरे चूतड़ पर तड़ाक की एक आवाज आयी।
मेरा सारा मजा मेरी गांड में घुस गया।
मैंने आँख खोलकर रिया की तरफ देखा।
ऑ ऑ ऑ करते हुए उसके मुंह में भरे हुए मेरे लावा की ओर इशारा करते हुए कहना चाह रही थी कि मैंने यह क्या किया?
मैं मुँह बनाकर खड़ा हो गया।
चुदाई के बाद लंड का माल मुँह में निकालते हुए मैंने बहुत सी बी एफ में देखा था.
लेकिन मेरे साथ ऐसा हो जायेगा.
मेरी गांड यह सोचकर फट रही थी कि कहीं रिया नाराज न हो जाये और पहली बार मिलने वाला मजा की मां न चुद जाये।
लेकिन रिया ने मेरे माल को गटक लिया और बोली- भोसड़ी वाले … इतनी जल्दी झड़ गया।
मैंने रिया की बांहों को पकड़ लिया और मिमयाते हुए कहा- सॉरी, मुझे नहीं मालूम था कि इतनी जल्दी निकल जायेगा। इससे पहले किसी ने इस तरह मेरे लंड को चूसा नहीं था. इसलिये मैं मस्ती में सराबोर हो गया था और ध्यान ही नहीं रहा कि मुझे लंड को तुम्हारे मुंह से बाहर भी निकालना है।
मुझे मिमयाते हुए देखकर मेरे लंड को सहलाने लगी और बोली- कोई बात नहीं वासु! बहुतों ने अपने लंड का माल पिलाया है मुझे!
कहकर वो मुझसे और सट गयी और मेरी गांड में उंगली करने लगी.
तब रिया बोली- चल वासु आ जा, मैं तुझे अपनी चूत और चुची का दूध पिलाती हूँ!
कहते हुए उसने मुझे हल्का सा पुश करते हुए सोफे पर धकेल दिया और खुद मेरे ऊपर चढ़ गयी और अपने चूचुक को मेरे मुँह में लगा दिया।
मैं उसकी चूची को चूसने लगा लेकिन दूध नहीं निकला।
तो मैं रिया की तरफ देखते हुए बोला- दूध तो नहीं निकल रहा है?
“अरे पगले, ऐसे नहीं निकलता है दूध!”
कहकर मेरी नाक को दबाते हुए और लाड़ दिखाते हुए बोली- मेरा राजा, अपनी रिया का दूध पियेगा!
मैंने भी हाँ में सर हिलाया।
“बिल्कुल … तेरी रिया अपने राजा को दूध पिलायेगी। चल तैयार हो जा!”
कहकर रिया खड़ी हो गयी और अपनी चूत को मेरे होंठ से रगड़ते हुए बोली- चल मेरे राजा, अभी तुने अपनी रिया के चूची का दूध पिया है अब चूत का दूध पी!
मैंने उसकी जांघों को पकड़ा और उसकी चूत चाटने लगा।
अनुभव तो था नहीं मुझे … लेकिन चाटते-चाटते कभी उसकी फांकों को फैलाकर उसके बीच जीभ चलाता तो कभी उसके अंगूरी दाने को मसलकर दांतों से दबा लेता.
तो कभी चूत के अन्दर जीभ घुसेड़ देता।
काफी देर तक मैं ऐसे ही उसकी चूत चाटता रहा और अपने लंड को मसलता रहा।
फिर थोड़ी देर बाद कुछ लसलसा सा तरल पदार्थ मेरी जीभ से टकराने लगा।
कुछ कसैला सा स्वाद था … फिर भी जीभ हटाने का मन नहीं कर रहा था।
मैंने कसकर उसके चूतड़ों को पकड़ा और एक उंगली उसकी गांड में डालने के प्रयास के साथ ही उसकी चूत से निकलते हुए उसकी रस की एक-एक बूंद को चाटने लगा।
फिर मैंने अपने हाथ उसकी गांड से हटा लिया और जीभ को उसकी चूत से!
रिया मेरे लंड को पकड़ और अपनी चूत पर सहलाने लगी और मेरी जांघ पर बैठ गयी।
मुझे ऐसा लगा कि मेरा लंड किसी गर्म खाली गुफा में जा घुसा है।
फिर रिया ने मेरी कलाई को पकड़ कर अपनी गांड की तरफ ले जाकर कहने लगी- अपनी उंगली मेरी गांड में डालो, बहुत मजा आ रहा है।
मैं भी उंगली उसकी गांड में डालने लगा, मेरी उंगली का बहुत थोड़ा हिस्सा उसकी गांड के अन्दर चला गया।
उसके बाद मेरे होंठों को चूमते हुए रिया बोली- क्यों मेरे राजा बाबू? अपनी रिया का दूध पसंद आया?
मेरे तो होश गायब थे।
एक बार फिर मेरे चेहरे पर उंगली चलाते हुए बोली- अपनी रिया को चोदोगे?
मैं अनजान सा बनते हुए बोला- मुझे चुदाई करना नहीं आता।
“धत! बकचोद, इतने अच्छे से मेरी चूत चाटी है और बोल रहे हो चोदना नहीं आता? देख ऐसे चुदाई होती है!”
कहते हुए रिया उछाले भरने लगी, उसकी लहराती हुयी चूची मेरे सीने से टकराने लगी।
थोड़ी देर तक वो ऐसे ही उछलती रही और मेरे लंड की चुदाई करती रही।
उसके बाद रिया मेरे ऊपर से हट गयी और मेरा हाथ पकड़कर अपने बेडरूम में आ गयी।
पलंग पर अपने दोनों हाथों को और पैरों के दोनों घुटने को टिकाते हुए घोड़ी पोजिशन की तरह अपने आप को कर लिया उसके बाद उसने अपने सर और छाती को बिस्तर से सटा दिया और पैरों को थोड़ा फैला दिया।
मेरी नजर के ठीक सामने उसकी चूत और गांड दोनों मुँह खोले हुए थे।
मैं झट से पीछे की तरफ जाकर बिस्तर पर चढ़ गया और लंड से उसके दोनों छेदों को रगड़ने लगे।
एक मस्त हूँ हूँ, आह-आह की सिसयाती हुए आवाज से रिया मुझे प्रलोभन दे रही थी- बहुत अच्छे से कर रहे हो वासु, करो!
तभी मेरा लंड गच की आवाज के साथ रिया की गांड के अन्दर घुस गया।
“अरे बहन के लौड़े … गांड में लंड क्यो पेल दिया? मेरी चुत की गर्मी मिटा, निकाल वहां से!”
मैंने झट से लंड को बाहर निकाला और चूत के अन्दर डाल दिया।
‘ओह ओह’ कहते हुए बोली- चल अब जल्दी से चूत को चोदना शुरू कर!
मैंने लंड को अन्दर बाहर करना शुरू किया और धीरे-धीरे लंड ने खुद ही अपनी स्पीड को पकड़ लिया।
थप-थप की आवाज के साथ ही मेरे और रिया के मुंह से निकलती हुयी आवाज मुझे न थकने के लिये हौसला दे रहे थे।
रिया मस्त थी कि तभी मैंने एक बार फिर रिया की गांड में लंड पेल दिया और धक्के देने लगा।
इस बार रिया कुछ नहीं बोली और उसी जोश के साथ आह-आह ओह-ओह कर रही थी।
अब मेरा लंड रिया की गांड और चूत दोनों की गहरी नाप रहा था।
मेरा लंड भी तरल से सन गया था, शायद रिया की चूत का पानी लग चुका था।
ठीक इसी समय मेरा शरीर भी अकड़ने लगा, मैं क्या करूँ समझ में नहीं आ रहा था।
मैंने उसी तरह चोदना चालू रखा।
बस क्या था … कुछ देर बाद मेरे लंड ने अपनी हार मान लिया और अपने माल को रिया की चूत के अन्दर निकाल फेंका।
रिया चौंकती हुई बोली- वासु यह क्या कर दिया?
लेकिन मैंने रिया की बात को ध्यान नहीं दिया।
फिर खलास होने के बाद मैं रिया के ऊपर ही गिर गया।
दो मिनट बाद जब मैं उससे अलग हुआ तो मेरे गालो पर चिकुटी काटते हुए बोली- साले अगली बार जब तेरा माल निकलने लगे, तो मेरे मुँह को चोदना शुरू कर दिया कर! मेरी गांड या चूत के अन्दर अपना माल मत गिराना। चल सीधा लेट देखूँ तो तेरे लंड को कि मेरी चूत का पानी पीने के के बाद कैसा हो गया।
उसके कहने पर मैं सीधा लेट गया.
रिया मेरे ऊपर आयी और अपनी गांड मुंह के पास लाकर मेरे लंड के ऊपर झुक गयी और मेरे लंड को चूसने लगी.
इधर मेरे नाक में रिया की चूत से निकलती हुयी महक घुस रही थी।
मैंने एक-दो बार कोशिश की कि रिया मेरे ऊपर से हट जाये लेकिन लंड चूसने के साथ ही वो अपनी चूत के मेरे मुंह या नाक पर रगड़ देती थी।
मैं विवश होकर उसकी चूत को चाटने लगा.
पहले-पहल तो अच्छा नहीं लग रहा था लेकिन बाद में चाहे रिया की जबरदस्ती के कारण ही सही, मुझे उसकी चूत चाटने में मजा आने लगा।
मेरे और रिया के बीच उस रात तीन बार चुदाई का खेल हुआ और हर बार पहले से ज्यादा मजा आया।
उस रात के बाद रिया और मेरे बीच का सबन्ध शनिवार की रात से शुरू होता था और रविवार की शाम तक चलता था।
लेकिन हाँ, ऑफिस में वो मेरी बॉस ही होती थी, किसी भी काम में वो ढिलाई नहीं बरतती थी।
ऐसी थी मेरी रिया!
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